नया आयकर बिल संसद में आज पेश: बदलाव नहीं, लेकिन उम्मीदें जरूर बढ़ी हैं

लोकसभा में 13 फरवरी, 2025 को पेश होने वाला नया आयकर विधेयक, 1961 के पुराने आयकर कानून को प्रतिस्थापित करने के लिए तैयार है। यह विधेयक पुराने कानून की जटिलताओं को खत्म करने और आम करदाताओं के लिए इसे सरल और समझने योग्य बनाने का प्रयास करेगा। 1961 के कानून में 66 बजटों के दौरान कई बार बदलाव किए गए थे, जिनकी वजह से यह कानून जटिल और व्यापक हो गया था। इस नए विधेयक का उद्देश्य कर प्रणाली में स्पष्टता लाना, मुकदमेबाजी के बोझ को कम करना और करदाताओं को अधिक सहयोग प्रदान करना है।
पुराने कानून की जटिलताएँ और नया विधेयक
आयकर कानून-1961 को कई संशोधनों के बाद जटिल बना दिया गया था। सरकार का दावा है कि नया विधेयक इस जटिलता को समाप्त करेगा और कर प्रणाली को स्पष्ट बनाएगा, लेकिन आम लोगों में इसके प्रभाव को लेकर अभी भी संदेह है। विशेष रूप से यह देखा जाएगा कि क्या नए कानून से करदाताओं को समझने में आसानी होगी या नहीं। नए विधेयक के तहत कई बदलाव किए गए हैं, लेकिन कर स्लैब, आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा और पूंजीगत लाभ कराधान में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
नए आयकर विधेयक की प्रमुख विशेषताएँ
1. सरल और स्पष्ट व्याख्या
नए विधेयक में जटिल कानूनी शब्दजाल को हटाकर सरल और स्पष्ट व्याख्याएँ दी गई हैं। उदाहरण के लिए, सभी वेतन कटौतियाँ जैसे मानक कटौती, ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण आदि के लिए एक ही अनुभाग का परिचय कराया गया है। इससे करदाताओं को इन प्रावधानों को समझने में कोई परेशानी नहीं होगी।
2. व्यवसायों के लिए नया मूल्यह्रास फार्मूला
व्यवसायों के लिए अब एक सरल मूल्यह्रास (depreciation) का फार्मूला तय किया गया है, जिससे कर संबंधी मामलों को सुलझाना और रिपोर्टिंग करना आसान होगा। यह व्यापारिक संस्थाओं के लिए एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है।
3. टीडीएस प्रावधानों का समेकन
नए विधेयक में टीडीएस (Tax Deducted at Source) से संबंधित सभी प्रावधानों को एक खंड के तहत समेकित किया गया है। इससे अनुपालन की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, लेकिन व्यवसायों को अपनी कर रिपोर्टिंग प्रणाली को नई संरचना के अनुसार अपडेट करना होगा।
4. कर चोरी पर कड़ी निगरानी
नए विधेयक में कर चोरी का पता लगाने के लिए बेहतर एआई-आधारित (Artificial Intelligence) जांच प्रणाली का प्रस्ताव किया गया है, जिससे कर चोरी को रोकने में मदद मिलेगी और कर संग्रहण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाया जा सकेगा।
5. निवास से संबंधित प्रावधान अपरिवर्तित
निवास से संबंधित कानून, जो यह तय करते हैं कि कोई व्यक्ति सामान्य निवासी, गैर-सामान्य निवासी या अनिवासी है या नहीं, अपरिवर्तित रहेंगे। इसका मतलब है कि इस हिस्से में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा।
व्यावसायिक अनुपालन और रिपोर्टिंग की चुनौतियाँ
नए आयकर विधेयक में करदाताओं के लिए सरलीकरण के बावजूद, व्यवसायों को नई संरचना के तहत अपने कर रिपोर्टिंग सिस्टम को अपडेट करना होगा। यह बदलाव व्यवसायिक संस्थाओं के लिए एक चुनौती हो सकता है, लेकिन यह लंबे समय में कर प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी और समझने योग्य बना सकता है।
लागू होने की तारीख
नए आयकर विधेयक के 2026-27 के वित्तीय वर्ष से लागू होने की उम्मीद है। इसका मतलब है कि करदाताओं और व्यवसायों को नए नियमों के तहत अपने अनुपालन और रिपोर्टिंग सिस्टम को तैयार करने का पर्याप्त समय मिलेगा। लेकिन यह देखा जाना बाकी है कि क्या यह नया विधेयक वास्तव में पुराने कानून की जटिलताओं को समाप्त कर पाएगा और करदाताओं के लिए अधिक सहायक साबित होगा।
नया आयकर विधेयक, 2025 कर प्रणाली में एक महत्वपूर्ण सुधार साबित हो सकता है। यह करदाताओं के लिए नियमों को सरल और स्पष्ट बनाएगा और मुकदमेबाजी के बोझ को कम करेगा। हालांकि, इसके प्रभाव और व्यावहारिकता का मूल्यांकन समय के साथ ही किया जा सकेगा। करदाताओं और व्यवसायों को इसे समझने और अपनाने में कुछ समय लगेगा, लेकिन इसका उद्देश्य कर प्रणाली को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है, जो कि एक सकारात्मक बदलाव साबित हो सकता है।
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