न्यायालय में वकीलों की हड़ताल समाप्त, न्यायिक कार्य फिर शुरू

गाजियाबाद:- 29 अक्टूबर को गाजियाबाद कोर्ट में जिला जज से हुई कहासुनी और उसके बाद वकीलों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में 4 नवंबर से जारी अधिवक्ताओं की हड़ताल 37 दिनों बाद समाप्त हो गई। बुधवार को न्यायिक अधिकारियों और बार एसोसिएशन के बीच सौहार्दपूर्ण बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। गुरुवार से अधिवक्ता न्यायिक कार्य पर वापस लौटेंगे, जिससे लंबित मामलों की सुनवाई फिर से पटरी पर आ सकेगी और वादकारियों को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ेगी।
बैठक में हुए निर्णय
बार एसोसिएशन गाजियाबाद के अध्यक्ष दीपक शर्मा ने जानकारी दी कि बैठक में 29 अक्टूबर की घटना पर चर्चा की गई, जिसमें जिला जज और अन्य न्यायिक अधिकारियों ने खेद प्रकट किया। बार और बेंच की गरिमा बनाए रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई। तय हुआ कि 12 और 13 दिसंबर को कोई प्रतिकूल आदेश पारित नहीं किया जाएगा, क्योंकि अधिवक्ताओं को केस की तिथि की जानकारी नहीं है।
घटनाक्रम का संक्षेप विवरण
29 अक्टूबर को एक मामले में सुनवाई जल्दी कराने को लेकर जिला जज और वकीलों के बीच विवाद हुआ। इसके बाद पुलिस ने वकीलों पर लाठीचार्ज किया, जिससे कचहरी में बवाल मच गया। अधिवक्ताओं ने इसके विरोध में हड़ताल शुरू कर दी।
प्रमुख मांगे और हड़ताल की प्रमुख घटनाएं
1. प्रमुख मांगे:-
जिला जज का स्थानांतरण या निलंबन।
लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज और कार्रवाई।
वकीलों पर दर्ज मुकदमों की वापसी।
घायल वकीलों को मुआवजा।
अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम लागू करना।
2. घटनाएं:-
12 नवंबर को वकीलों ने जज का पुतला फूंका और हापुड़ रोड पर प्रदर्शन किया।
16 नवंबर को महापंचायत में हड़ताल स्थगित करने का निर्णय लिया गया, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया।
25 नवंबर को पश्चिमी यूपी के वकीलों ने 21 दिन के लिए हड़ताल स्थगित की, लेकिन गुटों में असहमति जारी रही।
11 दिसंबर को सर्वसम्मति से हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया गया।
सीबीआई अदालत में प्रमुख मामले
गाजियाबाद की सीबीआई और ईडी कोर्ट में लगभग 69 अदालतें हैं, जिनमें चार लाख से अधिक मुकदमे लंबित हैं। इनमें प्रमुख मामले शामिल हैं:
नोएडा यूनियन बैंक घोटाला।
एनआरएचएम घोटाला।
यादव सिंह की आय से अधिक संपत्ति का मामला।
बाइक बोट घोटाला।
न्यायिक प्रक्रिया की पुनर्बहाली से उम्मीदें
हड़ताल समाप्त होने से न्यायालय में लंबित मुकदमों की सुनवाई सुचारु रूप से शुरू हो सकेगी। वकीलों और न्यायिक अधिकारियों के बीच समन्वय की बहाली, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद करेगी।
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