जेवर एयरपोर्ट: भारत का भविष्य का विमानन केंद्र

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जिसे आमतौर पर जेवर एयरपोर्ट के नाम से जाना जाता है, उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में बन रहा है। यह भारत का सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट प्रोजेक्ट है और विमानन क्षेत्र में एक गेम-चेंजर के रूप में देखा जा रहा है। इस परियोजना का लक्ष्य उत्तर प्रदेश के विकास में व्यापक योगदान देना है।
मुख्य तथ्य
आने वाले विस्तार की योजनाएं
तीसरे चरण के लिए 2,053 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण का काम जारी है, जिसमें 14 गांवों की भूमि शामिल होगी। इस चरण में तीन अतिरिक्त रनवे बनाए जाएंगे। विस्तारित एयरपोर्ट से भविष्य में कार्गो और लॉजिस्टिक्स में वृद्धि होगी, जिससे उत्तर भारत का औद्योगिक आधार और मजबूत होगा।
वाणिज्यिक ऑपरेशन की तैयारी
एयरलाइंस इंडिगो और अकासा एयरलाइंस ने पहले ही यहां संचालन के लिए एमओयू साइन कर लिया है। दिसंबर 2024 में परीक्षण उड़ानों की योजना है, जिसमें एयरपोर्ट की संचालन क्षमता की जांच की जाएगी।
भविष्य की संभावनाएं

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भारत के विमानन और परिवहन क्षेत्र में क्रांति लाने वाला प्रोजेक्ट माना जा रहा है। यह उत्तर प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख व्यापार और यात्रा केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह परियोजना केवल एक एयरपोर्ट नहीं है, बल्कि एक व्यापक आर्थिक विकास मॉडल है, जो पूरे क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की क्षमता रखता है।

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