शिवाजी की प्रतिमा विवाद: फडणवीस का समाधान—राज्य सरकार बनाएगी नई बड़ी मूर्ति

महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में स्थित एक ऐतिहासिक किले में सोमवार को एक महत्वपूर्ण घटना घटित हुई। मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा अचानक ढह गई। यह प्रतिमा 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनावरण की गई थी और इसका निर्माण महाराज की वीरता और गौरव को समर्पित था।

सिंधुदुर्ग:- जिले के किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा के ढहने की घटना ने एक बार फिर सुर्खियाँ बटोरी हैं। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट किया कि प्रतिमा का निर्माण नौसेना द्वारा किया गया था, और अब राज्य सरकार एक नई, बड़ी प्रतिमा स्थापित कराने की योजना बना रही है। फडणवीस ने इस मुद्दे पर सियासत नहीं करने की अपील की और कहा कि प्रतिमा के ढहने का कारण निर्माण में स्थानीय कारकों की अनदेखी हो सकती है। उन्होंने बताया कि निर्माण में इस्तेमाल किए गए लोहे की गुणवत्ता और समुद्री हवाओं के प्रभाव के चलते प्रतिमा में जंग लगने की संभावना बढ़ गई थी। उन्होंने सवाल किया कि क्या निर्माणकर्ताओं ने इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए काम किया था। फडणवीस ने स्थानीय कारकों और निर्माण की गुणवत्ता पर उठे सवालों के मद्देनजर जांच के आदेश भी दिए हैं। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि जल्द ही एक नई प्रतिमा का निर्माण किया जाएगा।
महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में स्थित किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा सोमवार को ढह गई। इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। प्रतिमा के ढहने के बाद विपक्षी दलों ने शिंदे सरकार की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हवाओं को दोषी ठहराया है। मामले में ठेकेदार जयदीप आप्टे और कंसल्टेंट चेतन पाटिल के खिलाफ गंभीर आरोपों के तहत एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें गैर इरादतन हत्या का प्रयास और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप शामिल हैं।
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