समुद्र में भारत की शक्ति को नया संजीवनी: अमेरिका ने एंटी-सबमरीन Sonobuoy बिक्री को दी हरी झंडी
अमेरिका ने भारत को एंटी-सबमरीन Warfare Sonobuoys की बिक्री को मंजूरी दे दी है, जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को और भी मजबूत करेगा। यह कदम अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों का समर्थन करता है, और भारत की सुरक्षा क्षमताओं को उन्नत करने में सहायक होगा। इंडो-पैसिफिक और दक्षिण एशिया क्षेत्रों में राजनीतिक स्थिरता, शांति और आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देने में भारत की भूमिका को और भी सशक्त बनाएगा।
वॉशिंगटन:- भारत की समुद्री सुरक्षा को एक नया बल मिलने जा रहा है क्योंकि अमेरिका ने भारत को पनडुब्बी रोधी युद्धक सोनोब्वाय और संबंधित उपकरणों की बिक्री को मंजूरी दे दी है। इस करार की अनुमानित लागत 52.8 मिलियन डॉलर है, जिसे अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने हरी झंडी दे दी है।
अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कांग्रेस को इस संभावित बिक्री की जानकारी दे दी है। यह बिक्री भारत-अमेरिका के रक्षा संबंधों को और भी मजबूत करेगी और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
भारत को मिलेगी नई सुरक्षा ताकत: 52.8 मिलियन डॉलर
जिसमें एएन/एसएसक्यू-53जी और एएन/एसएसक्यू-62एफ हाई एल्टीट्यूड एंटी-सबमरीन वारफेयर सोनोब्वाय, एएन/एसएसक्यू-36 सोनोब्वाय, तकनीकी सहायता, डेटा डॉक्यूमेंटेशन और इंजीनियरिंग सेवाएं शामिल हैं। इस संभावित बिक्री की अनुमानित लागत 52.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर है।
अमेरिका-भारत संबंधों को नई ऊंचाई: नई तकनीक से मिलेगी ताकतवर साझेदारी
यह प्रस्तावित बिक्री अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों का समर्थन करती है, और इससे भारत की सुरक्षा क्षमताओं में सुधार होगा। इस बिक्री से न केवल दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों को बल मिलेगा, बल्कि इंडो-पैसिफिक और दक्षिण एशिया क्षेत्रों में राजनीतिक स्थिरता, शांति और आर्थिक प्रगति को भी सुदृढ़ किया जाएगा।