गाजियाबाद: एमबीबीएस में एडमिशन दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी

गाजियाबाद। जिले में ठगी और धोखाधड़ी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला कौशांबी थाना क्षेत्र के वैशाली इलाके से आया है। यहां एमबीबीएस में डॉक्टर के बेटे को एडमिशन दिलाने के नाम पर 11 लाख रुपये की ठगी की गई है। शिकायत के बाद पुलिस ने पूरे मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

दरअसल, उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के धामपुर की रहने वाली डॉ. सिम्मी अग्रवाल ने कौशांबी थाना पुलिस को बताया कि उनका बेटा इंटर पास है। डॉ. सिम्मी ने बताया कि कॉल करके भिवानी नगर भोपाल के अरुण कुमार ने बताया कि वैशाली में मेट्रो स्टेशन के पास करियर कंसल्टेन्सी में उनका कार्यालय है। वह उनके बेटे को एमबीबीएस में एडमिशन दिला देगा। एडमिशन दिलाने में 31 लाख रूपये खर्च आने की बात कही गई थी। आरोपियों द्वारा एडमिशन न मिलने पर सभी पैसे वापस करने की बात कही थी। एडमिशन दिलाने के नाम पर एक लाख एडवांस भी डॉक्टर द्वारा आरोपियों को देकर एडमिशन के लिए एक फॉर्म भी भरवारा था। इसके बाद आरोपी धोखेबाजों ने डॉक्टर को प्रयागराज में 10 लख रुपए लेकर आने के लिए कहा था। एडमिशन दिलाकर फर्जी कार्ड दे दिया और उसे ट्रांसफर करने के नाम पर मेरठ भेज दिया गया। जब डॉक्टर ने मेरठ में संपर्क किया तो पता चला कि उनके साथ धोखाधड़ी कर ठगी हुई है।

फर्जी दस्तावेज देकर एडमिशन को भेजा
आरोपी ठाकुर ने डॉक्टर को बताया कि उनके बेटे का एडमिशन मोतीलाल मेडिकल में केंद्रीय पूल की रिजर्व सीट पर करावा गया है। यहां से मेरठ में लाला लाजपतराय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफर करवा देंगे। एडमिशन ट्रांसफर करने के लिए डॉक्टर दंपति को लखनऊ भी ठगों ने बुला और उन्हें फर्जी दस्तावेज देकर मेरठ भेज दिया। जब डॉक्टर दंपति बेटे की दस्तावेज लेकर एडमिशन के लिए मेरठ के कॉलेज में पहुंचे तो उन्होंने फर्जी बताया इसके बाद डॉक्टर ने पुलिस से पूरे मामले की शिकायत।

मुकदमा दर्ज, आरोपियों की तलाश जारी
धोखाधड़ी का पता चलने पर डॉक्टर ने अरुण कुमार व उसके साथी नितिन कुशवाहा के खिलाफ कौशांबी थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि डॉक्टर की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जल्दी दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी कर उनसे पूछताछ की जाएगी। पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के लोग एडमिशन दिलाने या नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करते हैं। इन्हें किसी भी हाल में बख्सा नहीं जाएगा।

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