मिजोरम। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मिजोरम दौरे के दूसरे दिन कहा कि कुछ दिनों पहले मैं भारत जोड़ो यात्रा से कन्याकुमारी से कश्मीर तक चला। इसका आइडिया भाजपा और आरएसएस की ओर से देश में फैलाई गई विचारधारा से लड़ना था।
राहुल गांधी इन दिनों चुनाव प्रचार में मिजोरम गए हुए हैं। उन्होंने मिजोरम के लुंगलेई में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम देश में ध्यान से देखें तो भाजपा की आइडियोलॉजी साफ नजर आएगी। मणिपुर में जो हो रहा है, उससे पता चलता है कि बीजेपी की आइडियोलॉजी क्या कर सकती है। वहां सैकड़ों लोग मार दिए गए, महिलाओं से छेड़ाछाड़ हुई, उनका रेप हुआ। बच्चों को मार दिया गया, लोगों के घर जलाए जा रहे हैं। इसके बाद भी पीएम ने मणिपुर का दौरा नहीं किया। ऐसा लगता है कि पीएम के लिए मणिपुर देश का हिस्सा नहीं है। इसलिए वे मणिपुर को महत्व नहीं दे रहे हैं। कहा कि यहां आकर मेरी पुरानी यादें ताजा हो जाती हैं, जब मैं 1986 में यहां आया था। तब मिजोरम हिंसा से शांति और सद्भाव की ओर बढ़ रहा था। 1987 में राज्य का दर्जा मिला, यह लंबा सफर था। राज्य में बेरोजगारी बढ़ रही है। नशीली दवाओं पर नकेल कसने में सरकार विफल है, जिसके चलते पांच साल में 250 युवाओं की जिंदगी खत्म हो गई।
हम आरएसएस का विरोध करते हैं
राहुल गांधी ने दौरे के दूसरे दिन कहा कि आरएसएस चाहता है कि देश एक विचार (आइडियोलॉजी) और एक संगठन से चले। हम इसका विरोध करते हैं। हम अधिकार बांटने पर विश्वास करते हैं, जबकि भाजपा मानती है कि सारे फैसले दिल्ली में होने चाहिए। भाजपा भारत के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है।
संस्कृतियों को बचाने की जरूरत
कहा कि भारत राज्यों का संघ है, जहां सभी संस्कृतियों, धर्मों, इतिहासों को बचाने की जरूरत है। कांग्रेस ने देश के मूलभूत ढांचे को बनाने में मदद की और हमेशा इसे बचाने की कोशिश की। मुझे मिजोरम आना पसंद है। 16 अक्टूबर की पदयात्रा में आइजॉल के लोगों ने भरपूर सपोर्ट किया। भारत जोड़ो यात्राश् की थीम पर हमने ये यात्रा की। जब मैं मध्य प्रदेश जाता हूं तो मुझे भाजपा के खिलाफ भारी जनाक्रोश दिखता है, जब मैं छत्तीसगढ़ और राजस्थान जाता हूं तो वहां हमारी सरकार के किए गए काम के लिए भारी समर्थन देखता हूं। हमारी विचारधारा उनसे बिल्कुल अलग है। वे छोटे और मध्यम व्यवसायों को खत्म करने और उन पर हमला करने के लिए बनाईं गई हैं।