संसद परिसर में हंगामा: राहुल गांधी पर FIR, BJP व कांग्रेस के बीच विवाद गहराया

संसद परिसर में गुरुवार को हुए धक्का-मुक्की कांड ने भारतीय राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं, कांग्रेस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए BJP पर अपने सांसदों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है। यह मामला अब पुलिस के पास पहुंच चुका है और जांच शुरू हो गई है।
मामले की शुरुआत
गुरुवार को संसद परिसर में लोकसभा सत्र के दौरान हंगामे की स्थिति बन गई। BJP ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उनके सांसदों को धक्का दिया, जिससे दो सांसद घायल हो गए। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि उनके अध्यक्ष और सांसदों के साथ BJP के नेताओं ने धक्का-मुक्की की।
राहुल गांधी पर दर्ज हुआ मामला
BJP की शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई गंभीर धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। इनमें हत्या की कोशिश और शारीरिक चोट पहुंचाने से जुड़ी धाराएं शामिल हैं:
धारा 115: जानबूझकर चोट पहुंचाने का प्रयास।
धारा 117: गंभीर चोट पहुंचाने का प्रयास।
धारा 125: सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालने का प्रयास।
धारा 131: आपराधिक बल का प्रयोग।
धारा 351: आपराधिक धमकी।
धारा 3(5): सामान्य इरादा।
बीजेपी का कहना है कि राहुल गांधी के आचरण ने संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाई है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा है कि BJP सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा, “यह आरोप विपक्ष की आवाज दबाने का एक और प्रयास है। भाजपा सांसदों ने हमारे नेताओं के साथ अभद्रता की और अब हमें ही दोषी ठहराया जा रहा है।”
पुलिस जांच की स्थिति
मामले की जांच दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है। पुलिस ने कहा है कि घटना से जुड़े सभी पहलुओं की गहन जांच की जाएगी।
घायल BJP सांसदों सारंगी और राजपूत के बयान दर्ज किए जाएंगे।
जरूरत पड़ने पर राहुल गांधी से पूछताछ की जा सकती है।
पुलिस संसद सचिवालय से घटना वाले इलाके के सीसीटीवी फुटेज मांग सकती है।
घायल सांसदों के मेडिकल प्रमाणपत्रों को जांच में शामिल किया जाएगा।
क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला संसद सत्र के दौरान बढ़ते राजनीतिक तनाव का नतीजा है। विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप अब न्यायिक और जांच एजेंसियों तक पहुंच गया है।
राजनीतिक प्रभाव
इस विवाद ने संसद सत्र के दौरान सियासी माहौल को और गरमा दिया है। BJP इसे कानून और संसद की गरिमा का मुद्दा बता रही है, जबकि कांग्रेस इसे लोकतंत्र के खिलाफ हमला करार दे रही है।
इस घटना से आम जनता के बीच भी कई सवाल खड़े हुए हैं:
1. क्या विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है?
2. संसद जैसे पवित्र स्थल पर इस तरह की घटनाओं का क्या औचित्य है?
संसद परिसर में हुए इस धक्का-मुक्की कांड ने भारतीय राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। जांच एजेंसियां जल्द ही घटना की सच्चाई का खुलासा कर सकती हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस मामले का कानूनी और राजनीतिक परिणाम क्या होता है। फिलहाल, यह विवाद भारतीय लोकतंत्र की गंभीर चुनौतियों को उजागर करता है।
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