मुंबई नाव हादसा: 13 की मौत, प्रशासन ने उठाए कड़े कदम

मुंबई:- गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा द्वीप जा रही पर्यटक नाव नीलकमल बुधवार को एक दर्दनाक हादसे का शिकार हो गई। इस हादसे में 13 लोगों की जान चली गई, जबकि 100 से अधिक यात्रियों को बचा लिया गया। मरने वालों में 10 आम नागरिक और 3 नौसेना के जवान शामिल हैं।
कैसे हुआ हादसा?
यह हादसा उस समय हुआ जब नीलकमल नाव एलिफेंटा द्वीप की ओर बढ़ रही थी। तभी नौसेना की एक स्पीड बोट ने पर्यटक नाव को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर के बाद नाव असंतुलित होकर पलट गई, जिससे उसमें सवार यात्रियों की जान पर बन आई।
तत्काल बचाव अभियान
हादसे के तुरंत बाद नौसेना और तटरक्षक बल ने व्यापक बचाव अभियान शुरू किया।
4 नौसेना हेलीकॉप्टर,
11 नौसेना जहाज,
1 तटरक्षक नाव,
और 3 समुद्री पुलिस के जहाज दुर्घटनास्थल पर भेजे गए।
सभी बचे यात्रियों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां गंभीर रूप से घायल लोगों का इलाज चल रहा है।
प्रशासन की सख्ती
इस हादसे के बाद प्रशासन ने नौका संचालन के लिए सख्त दिशा-निर्देश लागू कर दिए हैं।
लाइफ जैकेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।
सहायक नौका निरीक्षक देवीदास जाधव ने कहा कि नाव पर सवार हर यात्री को लाइफ जैकेट पहननी होगी।
नाव के मालिकों ने भी यात्रियों से लाइफ जैकेट पहनने की अपील की है।
यात्रियों का आरोप
हादसे में बचे यात्रियों ने दावा किया कि नाव में जीवनरक्षक जैकेट उपलब्ध नहीं थे। यदि जैकेट होती, तो शायद कुछ जानें बचाई जा सकती थीं।
जिम्मेदारी तय करने की प्रक्रिया
नौसेना और प्रशासन हादसे के कारणों की जांच कर रहे हैं। स्पीड बोट और पर्यटक नाव की टक्कर में किसकी गलती थी, इसका निर्धारण किया जा रहा है।
मुंबई नाव हादसा एक दुखद घटना है, जो सुरक्षा नियमों की अनदेखी का गंभीर परिणाम है। प्रशासन द्वारा उठाए गए कड़े कदम भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में सहायक होंगे। हादसा एक सख्त चेतावनी है कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए नियमों का पालन करना न केवल जरूरी है, बल्कि अनिवार्य भी होना चाहिए।
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