‘कांग्रेस के गुलामों… तुम्हारी अम्मा कहां से आई?’, अकबरुद्दीन ओवैसी के बिगड़े बोल

हैदराबाद। तेलंगाना विधानसभा चुनाव से पहले यहां जमकर जुबानी जंग जारी है। टीपीसीसी अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी ने असदुद्दीन ओवैसी को निजाम की औलाद कहा तो अकबरुद्दीन ओवैसी ने उन पर पलटवार किया है।

एक कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ‘कांग्रेस के लोग कहते हैं कि हम महाराष्ट्र से आए हैं और हम बीजेपी की बी टीम हैं। मत छेड़ो मुझे, ऐ कांग्रेस के गुलामों, मैं तुमसे पूछना चाहता हूं कि तुम्हारी अम्मा कहां से आई? इनके (कांग्रेस) पास कुछ अपना था ही नहीं, कभी यहां से कभी वहां से तो कभी इटली से तो कभी रोम से लाते हैं। इनकी मोहताजी बाहर वालों पर है। हमारी मोहताजी अल्लाह पर है। गरीब मुसलमान हमारे साथ है, यतीमों, बुजुर्गों की दुआएं हमारे साथ हैं।’

रेवंत रेड्डी पर साधा निशाना
अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ‘सारे खिलाड़ी मैदान में आ गए हैं, अभी अकबरुद्दीन ओवैसी का आना बाकी है। छेड़ोगे तो अकबरुद्दीन ओवैसी छोड़ने वालों में से नही हैं। यह (रेवंत रेड्डी) कांग्रेस का बना बैठा है लेकिन क्या यह कांग्रेस का था? यह पहले आरएसएस में था, उसके बाद तेलगु देशम पार्टी में आया और अब इनके पास आया है।’

अकबरूद्दीन ने आगे कहा कि जो भी सत्ता में है, उन्हें एआईएमआईएम नेतृत्व का पालन करना होगा। बीआरएस या कांग्रेस, तेलंगाना में जो भी पार्टी सत्ता में हो, उसे हमारी बात सुननी पड़ेगी नहीं तो हम उनकी जगह दिखा देंगे। एआईएमआईएम के नेता ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को एआईएमआईएम पार्टी से दूर रहना चाहिए, ऐसा न हो कि यह उन्हें उनकी असली जगह दिखा देगी।

असदुद्दीन ओवैसी ने दी थी राहुल गांधी को चुनौती
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को आगामी लोकसभा चुनाव में वायनाड से नहीं बल्कि हैदराबाद से चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी। ओवैसी अपने संसदीय क्षेत्र हैदराबाद में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। ओवैसी ने इस दौरान कहा था, ‘मैं आपके नेता (राहुल गांधी) को वायनाड से नहीं बल्कि हैदराबाद से चुनाव लड़ने की चुनौती देता हूं। आप बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, ज़मीन पर आइए मुकाबला करेंगे। कांग्रेस के लोग बहुत बातें करेंगे, लेकिन मैं तैयार हूं…यही कांग्रेस थी जब बाबरी मस्जिद और सचिवालय की मस्जिद गिराई गई।’ओवैसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी मस्जिद को सबसे पुरानी पार्टी के शासन में ध्वस्त कर दिया गया था।

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