कुत्ता घुमाने के लिए खाली करा देती थी पूरा स्टेडियम … IAS अधिकारी को सरकार ने किया जबरन रिटायर

नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश सरकार में सेवा दे रही आईएएस (IAS) अफसर रिंकू दुग्गा को केंद्र सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति (जबरन रिटायरमेंट) दे दी है। रिंकू के पति भी आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में लद्दाख में तैनात हैं। रिंकू दुग्गा और उनके पति दिल्ली के एक स्टेडियम में कुत्ते को घुमाने के लिए चर्चा में आए थे, उस दैरान उन्होंने एथलीटों के स्टेडियम को खाली करवा लिया था।

रिंकू दुग्गा को उनके सेवा रिकॉर्ड के मूल्यांकन के बाद अनिवार्य सेवानिवृत्ति किया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि दुग्गा को मौलिक नियम (एफआर) 56 (जे), केंद्रीय सिविल सेवा (सीसीएस) पेंशन नियम, 1972 के नियम 48 के तहत अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया गया है। 56(J) के मुताबिक यदि किसी सरकारी कर्मचारी का ट्रैक रिकॉर्ड ठीक नहीं है, भ्रष्टाचार और काम में अनियमितता के आरोप हैं तो ऐसे कर्मचारी या अधिकारी के काम की हर तीसरे महीने समीक्षा होती है। रिव्यू के बाद संबंधित कर्मी को नोटिस दिया जाता है और फिर 3 महीने का वेतन-भत्ता देकर अनिवार्य सेवानिवृत्ति (Compulsory Retirement) दे दी जाती है, IAS रिंकू दुग्गा के केस में भी यही हुआ।

एक झटके में पति-पत्नी हो गए थे 3500 KM दूर
मार्च 2022 में दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में ट्रेनिंग कराने वाले एक कोच ने दावा किया था कि पहले वे रात 8 या 8.30 बजे तक ट्रेनिंग करते थे लेकिन अब उनको 7 बजे ग्राउंड खाली करने को कह दिया जाता है ताकि IAS अफसर संजीव और उनकी पत्नी वहां अपने कुत्ते संग टहल सकें। कोच ने कहा कि इससे उनकी ट्रेनिंग और प्रैक्टिस रूटीन में दिक्कत पैदा हो रही है।
बाद में इसकी एक तस्वीर भी सामने आई थी, जिसके बाद विवाद तेज हो गया फिर IAS अफसर संजीव की सफाई आई और उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया था। उन्होंने ये तो कबूला था कि वह कभी-कभी कुत्ते को वहां टहलाने लेकर जाते हैं, लेकिन इस बात से इनकार किया था कि इससे एथलीट्स की प्रैक्टिस में रुकावट आती है।

कौन हैं आईएएस रिंकू दुग्गा?
आपको बता दें कि 54 वर्षीय रिंकू दुग्गा 1994 बैच की एजीएमयूटी कैडर की आईएएस अधिकारी हैं। दिल्ली में स्टेडियम विवाद के बाद उनकी पोस्टिंग अरुणाचल प्रदेश में थी। वहीं रिंकू दुग्गा के पति संजीव खिरवार भी 1994 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और उनका ट्रांसफर लद्दाख किया गया था। हालांकि उस समय भी दोनों के ट्रांसफर की जगह को लेकर सवाल उठ थे और सोशल मीडिया पर लोगों ने लिखा था कि खिलाड़ियों के साथ ऐसा बर्ताव करने वाले अधिकारियों को लद्दाख और अरुणाचल जैसी सुंदर जगहों पर क्यों भेजा गया।

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