यूपी में सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी, फर्जी कर्नल गिरफ्तार

मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में एसटीएफ की टीम ने नकली कर्नल को गिरफ्तार किया है। सेना की वर्दी पहनकर घूमने वाला नकली कर्नल अपने बेटे के साथ नौकरी के नाम पर ठगी का गोरखधंधा चलता था। इतना ही नहीं अब तक दर्जनों युवाओं से करोड़ों की ठगी कर चुका है।

एसटीएफ के एसपी बृजेश सिंह ने बताया कि गंगानगर के कसेरूबक्सर का रहने वाला सत्यपाल सिंह यादव पुत्र करण सिंह सेना में चालक पद से रिटायर हुआ था। वह पुणे में तैनात कर्नल डीएस चौहान की गाड़ी चलाता था। रिटायर होने के बाद सत्यपाल सिंह ने कर्नल डीएस चौहान के नाम की प्लेट बनवाई। कर्नल की वर्दी पहनकर एक फर्जी फोटो आईडी भी तैयार कर ली। इसके बाद उसने सेना में भर्ती होने के इच्छुक युवाओं का ठगना शुरू कर दिया। खुद का नाम कर्नल डीएस चौहान बताकर अपनी पोस्टिंग पुणे में बताता था। इतना ही नहीं आरोपी ने बहुत से युवाओं से मोटी रकम लेकर उनको फर्जी नियुक्ति पत्र भी दे दिए। पिछले सात साल में उसने बहुत से युवाओं से ठगी करके करोड़ों रुपये की रकम हड़प कर ली। शिकायत पर एसटीएफ और मिलिट्री इंटेलीजेंस सत्यपाल सिंह के पीछे लगी थी।

वहीं, सोमवार को साक्ष्य मिलने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। सत्यपाल सिंह के घर से कई बैंकों की चेकबुक मिली हैं। कर्नल डीएस चौहान नाम का फर्जी परिचय पत्र भी बरामद हुआ है। आरोपी के पास से पांच ज्वाइनिंग लेटर, पांच स्टांप, एक प्रिंटर, एक कर्नल की वर्दी और एक फर्जी पहचान पत्र बरामद हुआ है। आरोपी ने बताया कि इन वर्षों में उसने यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों के सैकड़ों युवाओं के साथ ठगी।

सत्यपाल का बेटा भी खेल में शामिल
सत्यपाल के फर्जीवाड़े के खेल में उसका बेटा रजत उर्फ देवेंद्र भी शामिल है। वह अपने लैपटॉप पर टाइप कर ज्वाइनिंग लेटर का प्रिंट निकालता था। उसे स्पीड पोस्ट करता था। सत्यपाल सेना भर्ती केंद्र के कर्नल के रूप में लड़कों को फांसता था। रजत आगे का काम करता था। सत्यपाल के खिलाफ वर्ष 2019 में भी मेरठ में आईपीसी की धारा 420, 406, 506 के तहत केस दर्ज हो चुका है। मुकदमा भी हो चुका है।

सुनील और पूनम ने किया भंडाफोड़
STF एएसपी ने सत्यपाल के खेल के भंडाफोड़ के बारे में जानकारी दी उन्होंने कहा कि सत्यपाल ने सुनील यादव और उसकी बहन पूनम कुमारी को सेना में एलडीसी क्लर्क के पद पर नौकरी दिलाने का लालच दिया। सत्यपाल ने इसके लिए सुनील से दो साल पहले 16 लाख रुपये लिए। सत्यपाल ने सुनील और उसकी बहन पूनम के नाम पर मई में ज्वाइनिंग लेटर जारी किया। ज्वाइनिंग लेटर सुनील के घर इस्माइलपुर, बुलंदशहर में स्पीड पोस्ट से भेजा गया।

लखनऊ रिक्रूटमेंट ऑफिस में खुला मामला
सुनील और पूनम ज्वाइनिंग लेटर मिलने पर काफी खुश हुए। वे दोनों 7 मई को ज्वाइनिंग लेटर के साथ लखनऊ रिक्रूटमेंट ऑफिस हेडक्वार्टर पहुंचे। यहां उन्हें पूरा खेल समझ में आ गया। उन्हें जानकारी दी गई कि यह ज्वाइनिंग लेटर फर्जी है। इसके बाद उन्होंने मामले की जानकारी पुलिस को दी।

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