वृंदावन में प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा से भक्त मायूस, स्वास्थ्य कारणों से नहीं हो सके दर्शन

वृंदावन, भगवान श्री कृष्ण की नगरी, एक बार फिर से भक्तों के लिए शोक और मायूसी का कारण बन गई। प्रेमानंद महाराज, जिनकी पदयात्रा से हर रात भक्तों का दिल जुड़ा रहता है, इस बार अपने स्वास्थ्य कारणों से अपने भक्तों को दर्शन नहीं दे पाए। मंगलवार को भी प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा नहीं निकाली गई, जिससे भक्तों के दिलों में निराशा और चिंता का माहौल बना रहा।
पदयात्रा की प्रतीक्षा में भक्त
प्रत्येक दिन की तरह मंगलवार रात भी भारी संख्या में भक्त प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए वृंदावन की सड़कों पर उमड़े थे। भक्त वही रास्ता चुनते हैं, जिस पर प्रेमानंद महाराज अपनी पदयात्रा करते हैं। उनका विश्वास था कि महाराज उनसे मिलने आएंगे और उनका आशीर्वाद प्राप्त होगा। लेकिन जब देर रात तक महाराज के दर्शन नहीं हुए, तो भक्त मायूस होकर वापस लौटने लगे।
स्वास्थ्य कारणों से रोक दी गई पदयात्रा
सोमवार को भी प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा नहीं हो पाई थी। इसके पीछे कारण उनकी तबीयत खराब बताई जा रही है। सोमवार की रात जैसे-जैसे समय बीतता गया, भक्तों की उम्मीदें टूटने लगीं। जब रात के 2 बज गए और महाराज के दर्शन नहीं हो सके, तो एक शोक की लहर फैल गई। प्रेमानंद महाराज के पार्षद ने भी सोमवार को अनाउंसमेंट किया था कि महाराज के स्वास्थ्य खराब होने के कारण पदयात्रा नहीं हो सकेगी। यह सुनकर भक्त काफी चिंतित हो गए थे क्योंकि उनका मानना था कि इस पदयात्रा से ही उनके दिन की शुरुआत होती है।
भक्तों का आक्रोश और चिंता
भक्तों का कहना है कि वे प्रेमानंद महाराज के दर्शन के बिना अपने दिन की शुरुआत नहीं कर सकते। उनका विश्वास है कि महाराज का आशीर्वाद उनके जीवन की सफलता की कुंजी है। जब सोमवार को पदयात्रा नहीं हुई, तो उनका दिल टूट गया और अब मंगलवार को भी वही स्थिति बनी रही। भक्तों ने अपने दुख का इजहार करते हुए कहा कि वे बहुत मायूस हैं क्योंकि महाराज के दर्शन के बिना उनका दिन अधूरा लगता है।
क्या महाराज की पदयात्रा फिर से शुरू होगी?
महाराज के स्वास्थ्य की स्थिति को लेकर फिलहाल कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। यह भी कहा जा रहा है कि अगले कुछ दिनों तक भक्तों को पदयात्रा का आशीर्वाद न मिलने की संभावना है। हालांकि, प्रेमानंद महाराज की तरफ से अभी तक किसी आधिकारिक जानकारी का ऐलान नहीं किया गया है, जिससे भक्तों को एक निश्चित स्थिति का पता चल सके।
अंत में
अब यह देखना होगा कि क्या बुधवार को, यानी आज, प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा फिर से शुरू होगी और भक्तों को दर्शन प्राप्त होंगे या नहीं। भक्तों की उम्मीदें अब भी बरकरार हैं कि जल्द ही वे फिर से अपने प्रिय गुरु के दर्शन कर सकेंगे और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को नया दिशा दे सकेंगे।
प्रेमानंद महाराज के भक्तों के लिए यह एक कठिन समय है, लेकिन उनका विश्वास और श्रद्धा अडिग है, और वे इस समय में भी अपने गुरु के आशीर्वाद की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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