प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बुधवार को हुए खौफनाक हत्याकांड हुआ। एक युवक ने अपनी मां और बहन को कुल्हाड़ी से काट कर मार डाला। पिता और भतीजे पर भी जानलेवा हमला कर घायल कर दिया। स्थानीय लोगों व सूचना मिलने पर आई पुलिस पर आरोपी आरिफ ने छत से तेजाब की बोतलें फेंकीं। ईंट-पत्थर बरसाकर भी रास्ता रोकने की कोशिश की। पुलिस ने बमुश्किल युवक को गिरफ्तार किया, आज शुक्रवार को उसे जेल भेजा जाएगा।
सदर तहसील में तैनात रहे कादिर सात साल पहले कानूनगो पद से रिटायर हुए हैं। करेली के गौसनगर में वह परिवार समेत रहते हैं। उनके दो बेटे व तीन बेटियों में सबसे छोटी बेटी की मौत हो चुकी है। परिवार में दो बेटे आजम, आरिफ व उनके परिवार के अलावा पत्नी अनीसा व बेटी आफरीन भी थीं। बुधवार दोपहर 12 बजे के करीब अचानक आरिफ कुल्हाड़ी व चाकू लेकर आया और उससे विवाद करने लगा। पत्नी आई तो दोनों को मारने के लिए दौड़ा। शोरगुल सुनकर अम्मी-अब्बू व बहन भी आ गईं तो वह तीनों पर कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ वार करने लगा। तीनों लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़े। इसके बाद उन्हें जिंदा फूंकने के लिए आरिफ ने घर में आग लगा दी।
इस पर मोहल्ले के लोग उनके घर के बाहर पहुंचे तो मुख्य द्वार पर लगे चैनल में भीतर से ताला लगा मिला। कुछ देर बाद घर से धुआं उठने लगा और भीतर चारों ओर आग फैलती दिखाई दी। उन्होंने बताया कि मोहल्ले के कुछ युवकों ने चैनल में लगा ताला तोड़ना चाहा तो आरिफ तेजाब की बोतलें फेंकने लगा। तब तक पुलिस भी आ गई। पुलिसकर्मी आगे बढ़े तो आरिफ ने उन पर भी तेजाब की बोतलें फेंकीं। छत से ईंट-पत्थर भी बरसाए, जिसके चलते पुलिस व मोहल्ले के लोगों को पीछे हटना पड़ा। कुछ देर बाद पुलिसकर्मी फिर आगे बढ़े तो हमलावर ने दोबारा ऐसा ही किया। यह सिलसिला काफी देर तक चलता रहा।
ढाई घंटे तक अफरा-तफरी का माहौल रहा
घटना के दौरान ढाई घंटे तक अफरा-तफरी का माहौल रहा। एसिड की बदबू के चलते पुलिस को रेस्क्यू में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पुलिस लगातार अनाउंसमेंट कर युवक को बाहर आने को कहती रही, लेकिन उसने किसी की नहीं सुनी। वह लगातार पुलिस और भीड़ पर हमला करता रहा। जब वह नहीं माना तो एंटी राइट गन से रबर बुलेट मारी और फिर आंसू गैस के गोले छोड़े। कई राउंड ऐसा करने के बाद हत्यारोपित आड़ लेकर खड़ा हो गया तो पुलिस टीम ने उसे दबोच लिया।
पुलिस जब घर के अंदर पहुंची तो बदबू इतनी थी कि कुछ ही देर में सभी पुलिसकर्मी बाहर आ गए। फायर ब्रिगेड की टीम ने पानी का छिड़काव किया। तीन घंटे तक मशक्कत के बाद पुलिस घर में घुस पाई और फिर भीतर फंसे लोगों को बाहर निकाला गया। गंभीर हालत में तीनों घायलों को एसआरएन अस्पताल ले जाया गया, जहां पत्नी व बेटी को मृत घोषित कर दिया गया। पिता कादिर को गंभीर हालत में भर्ती कर लिया गया।
एक हफ्ते से कर रहा था प्लानिंग
आरोपी के बड़े भाई मो. आजम ने बताया कि आरिफ एक हफ्ते से हमले की प्लानिंग कर रहा था। उसने हमसे कहा था कि मकान खाली कर दो। डी ब्लॉक में दूसरा घर बना है, वहां पर जाकर रहो। हम नहीं गए तो आज उसने मां और बहन की हत्या कर दी और घर में भी आग लगा दी। मेरे बेटे और पत्नी पर भी हमला किया। चीख सुनकर पहुंचा तो मुझ पर भी वार कर दिया। किसी तरह से बेटे-पत्नी को लेकर कमरे में भागा।”
आजम ने बताया, “आरिफ पहले से ही उससे खुन्नस रखता था। वह मां, बहन, बाप और उसके परिवार को लगातार प्रताड़ित करता था। दो बार करेली थाने में प्रॉपर्टी को लेकर मां-पिता ने शिकायत की थी। पुलिस थाने बुलाती तो बार-बार माफी मांग लेता। उसके बाद फिर वही काम करने लगता था।” आजम ने बताया, “हमेशा पैसे की मांग और प्रॉपर्टी को लेकर विवाद करता था। पूरे घर को अपने आतंक से डरा धमका कर रखता था। आज जब बच्चे स्कूल चले गए तो सब लोग घर के अंदर आराम कर रहे थे। तभी आरिफ ने घर को चुपके से बंद कर अपने दो साथियों के साथ कत्लेआम मचा दिया। पूरे परिवार को खत्म करना चाहता था, उसके ऊपर खून सवार था। अपने साथ चाकू, तलवार, चापड़, जंजीर और एसिड की बोतलें लेकर आया था।”
आजम ने बताया, “आरिफ की पत्नी भी उसका साथ देती है। परिवार शादी के खिलाफ था, लेकिन आरिफ की जिद्द के आगे किसी की नहीं चली। आरिफ ने तलाक शुदा महिला से शादी की है। उसकी पत्नी किचन में खाना बनाते समय हमारे खाने में टॉयलेट का पानी मिला देती थी।” मो. आजम ने बताया, “आरिफ कट्टर सोच का है। मां-बहन को मारते समय अल्ला-हू-अकबर कह कर चिल्ला रहा था। हत्या के बाद वह छत पर काला झंडा लहरा रहा था। वह ISIS के वीडियो देखता था और उनका साहित्य पढ़ता था।” आरिफ की भाभी ने एक घंटे तक चले खौफनाक घटनाक्रम का बयान किया। बताया ऊपर के कमरे में शौहर मो. आजम, बच्चे हसनैन और अली थे। सभी को डर लग रहा था। जैसे ही अल्लाह-हू-अकबर बोलता, वैसे ही बच्चे डर जाते थे।
हमले से पहले पत्नी को बच्चे के साथ मायके भेजा
बताया गया है कि आरिफ ने हमले से पहले अपनी पत्नी और 6 साल की बेटी को मायके भेज दिया था। आरिफ घर पर ही ट्यूशन पढ़ाता था, जबकि उसकी पत्नी सरकारी नौकरी करती है। वह बेटी को अपनी मां से भी नहीं मिलने देता था। पत्नी जब नौकरी पर चली जाती तो बेटी को ससुराल में छोड़ आता।
तेजाब की बोतलों का जखीरा मिला
आरोपी को हिरासत में लिए जाने के बाद पुलिस ने घर के भीतर पहुंचकर तलाशी ली तो एक कमरे में तेजाब की बोतलों का जखीरा मिला। इन्हीं तेजाब की बोतलों से पुलिस व स्थानीय लोगों पर हमला किया गया। आजम से पूछा गया तो उसने इस संबंध में कोई जानकारी होने से इन्कार किया। यह भी बताया कि उसका छोटा भाई किसी को भी, यहां तक कि मां-बाप को भी अपने कमरे में नहीं जाने देता था। उसका यह भी आरोप है कि तेजाब की बोतलों का जखीरा मिलने से साफ है कि आरिफ बहुत दिनों से इस घटना की प्लानिंग में जुटा था।
इसीलिए था नाराज
आरिफ और उसके घरवालों के बीच विवाद की वजह उसका घर ही बन गया था। दरअसल, दो मंजिला घर के ऊपरी हिस्से में बड़ा भाई आजम अपने परिवार के साथ रहता था। निचले हिस्से में आरिफ और उसका परिवार और पीछे के हिस्से में मां-बाप और बहन अपने बेटे के साथ रहती थी। आरिफ को इस बात की खुन्नस थी कि आजम घर की पूरी ऊपरी मंजिल पर कब्जा किए है। निचली मंजिल पर उसे छोटा हिस्सा ही मिला है।
एफआईआर में आरिफ की पत्नी के साथ दो अज्ञात के भी नाम
करेली में हुए हत्याकांड में आजम सिद्दिकी ने अपने भाई आरिफ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। रिपोर्ट में आजम ने आरिफ के अलावा की पत्नी नौशीन उर्फ नौशी और दो अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस का कहना है कि घटनास्थल के आस पास के सीसीटीवी फुटेज को चेक किया जा रहा है। पत्नी की भूमिका की भी जांच हो रही है।