पत्नी की हत्या के मामले में 17 साल से इंसाफ मांग रहा था पति, खुद ही निकला कातिल

पथानामथिट्टा। केरल में पत्नी की हत्या के मामले में 17 साल से इन्साफ मांग रहे पति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित इस मामले में 17 साल से पुलिस को भ्रमित कर रहा था, साथ ही प्रभावी जांच के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था।

पथानामथिट्टा जिले के पुलाद गांव में 26 मई 2006 को डाक विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारी 75 वर्षीय जनार्दन नायर की 50 साल वर्षीय पत्नी रमादेवी पत्नी को उनके घर में घुसकर मार डाला गया था। रमादेवी घर के अंदर मृत पाई गईं और उनकी गर्दन कटी हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि हत्या में तलवार जैसे धारदार हथियार का इस्तेमाल किया गया था। जनार्दन उस समय अलाप्पुझा जिले के चेंगन्नूर में डाक विभाग में एक वरिष्ठ लेखाकार थे। उन्होंने पुलिस को बताया था कि उन्हें उनके घर के अंदर खून से लथपथ शव मिला था। उन्होंने उन्हें बताया था कि रमादेवी द्वारा पहने गए कुछ गहने गायब थे।

जांच के घेरे में आने से बचने के लिए पत्नी के साथ गांव छोड़कर भागा संदिग्ध युवक
प्रारंभिक जांच के दौरान पड़ोस की एक महिला ने पुलिस को बताया कि उसने हत्या के दिन 26 वर्षीय संदिग्ध को रमादेवी के घर के पास देखा था। तब वह घर के पास एक निर्माण स्थल पर काम कर रहा था। वह व्यक्ति एक सप्ताह पहले ही अपनी पत्नी के साथ पड़ोस में रहने आया था।  दरअसल जनार्दन के घर के बगल में एक इमारत का निर्माण कार्य चल रहा था. तमिलनाडु का मूल निवासी चुटलामुथु वहां काम करने आया था। उसके साथ तमिलनाडु की एक महिला रहती थी। रमादेवी की हत्या के बाद चुटलामुथु और उसके साथ रहने वाली महिला लापता हो गई।पुलिस को शक हुआ कि ये दोनों ही हत्या में शामिल हैं। पुलिस ने चुटुलामुथु और उसके साथ लंबे समय तक रहने वाली महिला की जांच की। जब जांच चल रही थी, पिछले साल चुटुलामुथु के साथ रहने वाली महिला तेनकासी में पाई गई थी लेकिन जांच में पता चला कि हत्या के पीछे उनका हाथ नहीं था।

बाल अहम सबूत
घर के अंदर काट कर मारी गयी रमादेवी के हाथ में बाल मिले थे। शव की जांच के दौरान पुलिस को एक हाथ में 36 और दूसरे हाथ में 4 बाल मिले थे। हालाँकि हत्या के चार साल बाद पुलिस को फॉरेंसिक रिपोर्ट तो मिल गई थी लेकिन मुख्य संदिग्ध का पता नहीं चल पाने के कारण उन्होंने बालों का मिलान किसी संदिग्ध से कराने की कोशिश नहीं की। लेकिन इस बार पुलिस इसे जनार्दन के साथ मिलाया। क्योंकि उन्हें पुलिस को दिए गए उनके बयानों में विसंगतियों के कारण उन पर संदेह होने लगा था। जनार्दन ने पुलिस को बताया कि वह अपराध स्थल पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति थे और घर का दरवाजा अंदर से बंद था लेकिन हत्यारा घर से बाहर निकलने के बाद उस ताले को बंद करने में कामयाब रहा था। जनार्दन खुद दरवाजे के ऊपर लगी एक जाली के माध्यम से दरवाजा खोलने के बाद घर के अंदर चले गए। बालों को परीक्षण के लिए भेजा गया।जांच टीम ने पाया कि पुलिस द्वारा वैज्ञानिक जांच के लिए भेजे गए बाल मारी गईं महिला के पति जनार्दन के हैं। यह मामले में अहम सबूत हैं।

जांच अधिकारी और अपराध शाखा निरीक्षक सुनील राज ने कहा कि जनार्दन नायर ने कथित तौर पर अपनी पत्नी के “चरित्र” पर संदेह होने के बाद हत्या कर दी। उन्होंने बताया कि पति-पत्नी में अक्सर झगड़ा होता था। इंस्पेक्टर के मुताबिक उस दिन जनार्दन ने उसके बाल पकड़ लिए और उसने भी उसी तरह प्रतिक्रिया व्यक्त की। जब उसे काटा गया तो वह अपनी मुट्ठी में जनार्दन के बालों के साथ गिरी जो उसके खिलाफ निर्णायक सबूत बन गया।

पत्नी को इंसाफ के लिए हाईकोर्ट पहुंचा था पति
जनार्दन ने 2007 में केरल उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करने का फैसला किया। उसमें जांच को केरल पुलिस की अपराध शाखा की एक विशेष टीम को सौंपने की मांग की गई। इंस्पेक्टर सुनील राज के मुताबिक जनार्दन को हाई कोर्ट जाने का विचार क्राइम थ्रिलर फिल्मों से आया था। राज ने कहा, “उसने सोचा कि अगर वह नहीं बोलेगा या कार्य नहीं करेगा तो अन्य लोग उस पर संदेह करेंगे। वह संदेह को दूसरी ओर मोड़ना चाहता था। हाई कोर्ट में याचिका उसी योजना से उपजी थी। वह तमिल कर्मचारी को संदिग्ध हत्यारे के रूप में पेश करना चाहते थे।”

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