‘राहुल गांधी और जिम्मेदारी साथ-साथ नहीं चलते’ कांग्रेस के आरोप पर BJP का पलटवार

इम्फाल।कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद राहुल गांधी के काफिले को मणिपुर में रोक दिया गया। वे इंफाल पहुंचने के बाद राहत शिविरों का दौरा करने के लिए चुराचांदपुर की ओर जा रहे थे। पुलिस ने हिंसा की आंशका को देखते हुए राहुल के काफिले को रोका। इस बीच कांग्रेस ने इसके लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया। इस पर भाजपा ने पलटवार किया है।

भाजपा नेता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हमें मीडिया के जरिए पता चला है कि राहुल गांधी मणिपुर का दौरा कर रहे हैं। जिद से कहीं ज्यादा जरूरी है संवेदनशीलता। हम एक लोकतांत्रिक देश हैं और इसलिए उन्हें मणिपुर जाने से किसी ने नहीं रोका। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि मणिपुर प्रशासन ने बताया कि राहुल के दौरे की खबर सामने आने के बाद से उनके मणिपुर दौरे पर कई बार विरोध प्रदर्शन हुआ है। राहुल गांधी के मणिपुर जाने से पहले वहां की ऑल मणिपुर स्टूडेंट यूनियन ने राहुल गांधी के विजिट को बायकॉट करने की मांग की है। कई सिविल सोसायटी ऑर्गेनाइजेशन ने भी आह्वान किया था कि राहुल गांधी मणिपुर न आयें और यहां चिंगारी भड़काने का काम न करें।

राहुल गांधी का व्यवहार बेहद गैरजिम्मेदाराना- संबित पात्रा
राहुल गांधी के मणिपुर दौरे पर बीजेपी नेता संबित पात्रा ने कहा कि मणिपुर की स्थिति विरासत के मुद्दे के कारण है, जिसमें कांग्रेस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मैं उन मुद्दों का हवाला नहीं देना चाहता क्योंकि उनसे जुड़ी संवेदनशीलता है। ऑल मणिपुर स्टूडेंट्स यूनियन ने कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी के दौरे का बहिष्कार करने की मांग की और उन विरासती मुद्दों को गिनाया। उन्होंने कहा कि कई नागरिक समाज संगठनों ने भी आह्वान किया था कि राहुल गांधी को मणिपुर आकर चिंगारी नहीं भड़कानी चाहिए। राहुल गांधी का व्यवहार बेहद गैरजिम्मेदाराना है। मैंने हमेशा कहा है, राहुल गांधी और जिम्मेदारी कभी साथ-साथ नहीं चलते।

बता दें मणिपुर पुलिस ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का काफिला हिंसा की आशंका के कारण बृहस्पतिवार को बिष्णुपुर में रोक दिया। इस बीच कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार हिंसा प्रभावित राज्य में गांधी की यात्रा को विफल करने का प्रयास कर रही है। क्षेत्र में राहत शिविरों का दौरा करने के लिए चुराचांदपुर जा रहे गांधी के काफिले को इंफाल से लगभग 20 किलोमीटर दूर बिष्णुपुर में पुलिस ने रोक दिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रास्ते में हिंसा की आशंका के चलते काफिले को रोका गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि उनकी सुरक्षा को खतरा है। हम राहुल गांधी को आगे बढ़ने देने का जोखिम नहीं उठा सकते। कांग्रेस ने हालांकि आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारें गांधी की यात्रा को रोकने के लिए निरंकुश तरीकों का इस्तेमाल कर रही हैं।

मणिपुर में हिंसा
गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में 3 मई को आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है।

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