दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के सामने एक और मुश्किल आ गई है। सीएम अरविंद केजरीवाल के बंगले की मरम्मत पर हुए खर्च का सीएजी ऑडिट होगा। एलजी के सिफारिश के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से सीएजी ऑडिट कराने का फैसला हुआ है। इससे पहले सीएम केजरीवाल के आवास पर हुए खर्च को लेकर स्टिंग ऑपरेशन सामने आया था। जिसमे बंगले मर खर्च का खुलासा हुआ था।
केजरीवाल के आवास के रेनोवेशन पर करोड़ों रुपये खर्च करने और उसमें गड़बड़ी करने के आरोप लगते रहे हैं। जिसके बाद अब इन वित्तीय गड़बड़ियों की जांच सीएजी के द्वारा किया जाएगा। सीएजी इसके हर पहलू पर जांच करेगी। इसमें प्रशासनिक और वित्तीय गड़बड़ी की जांच भी शामिल है। उपराज्यपाल ने गृहमंत्रालय को खत लिखकर सिफारिश की थी कि केजरीवाल के घर के रेनोवेशन में हुए खर्च की जांच कराई जाए।
कोविड के कठिन समय में बंगले को सजा रहे थे सीएम
एलजी ने अपने पत्र में लिखा था कि सरकारी बंगले में रिनोवेशन के नाम पर बहुत पैसा खर्च किया गया था। यह सब उस वक्त किया जा रहा था जब देश में कोविड-19 महामारी अपने चरम पर थी। कोविड के कठिन समय में भी दिल्ली के सीएम अपने घर को संवारने में लगे थे।
बंगले के रेनोवेशन पर 45 करोड़ रुपये खर्च
टाइम्स नाउ नवभारत के ऑपरेशन शीश महल में बताया था कि सीएम आवास में 8-8 लाख रुपये का एक पर्दा लगाया गया है। सीएम आवास में लगे कुल पर्दों पर कुल एक करोड़ रुपये खर्च हुए। रिपोर्ट में बताया गया था कि कुल 23 पर्दों का ऑर्डर दिया गया। रिपोर्ट में बताया गया था कि सीएम केजरीवाल के सरकारी आवास पर जो मार्बल लगा है उसको वियतनाम से मंगाया गया था। इस डियोर पर्ल मार्बल की कीमत एक करोड़ 15 लाख रुपये बताई गई थी। सीएम के बंगले पर रेनोवेश में 45 करोड़ रुपये खर्च करने की बात कही गई थी।
AAP ने दी थी सफाई
इस पूरे मामले में आम आदमी पार्टी की तरफ से सफाई भी दी गई थी। AAP सांसद और पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा था कि जिस घर में केजरीवाल रहते हैं वह 1942 में बना था। चड्डा का कहना था कि घर के अंदर से लेकर बेडरूम तक छत से पानी टपकता था। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इसका ऑडिट किया था। उनका कहना था कि यह एक सरकारी बंगला है। दूसरे सीएम और पीएम से भी तुलना की जानी चाहिए। आप प्रवक्ता ने कहा था कि सीएम शिवराज के आवास पर चूना रगड़ाई पर 20 करोड़ खर्च हुआ। पीएम मोदी के आवास को बनाया जा रहा है जिसकी अनुमानित लागत 500 करोड़ है। यह रकम दोगुनी या इससे अधिक भी हो सकती है।