राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुखोई फाइटर जेट में भरी उड़ान, दुश्मनों को कड़ा पैगाम

गुवाहाटी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई फाइटर जेट में उड़ान भरी। असम के तेजपुर एयर बेस से राष्ट्रपति ने सुखोई-30 एमआईके लड़ाकू विमान में को-पायलट की सीट पर बैठकर उड़ान को पूरा किया। द्रौपदी मुर्मू के असम दौरे का आज आखिरी दिन है। वे 6 अप्रैल से असम के दौरे पर हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को असम के तेजपुर एयरफोर्स स्टेशन से सुखोई 30 MKI फाइटर जेट से 30 मिनट उड़ान भरी। सुखोई जेट ने सुबह 11 बजकर 8 मिनट पर टेक ऑफ किया। करीब 30 मिनट यह फाइटर प्लेन 11 बजकर 38 मिनट पर लैंड किया। मुर्मू से पहले देश की 12वीं राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने 2009 में सुखोई में उड़ान भरी थी।

इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को गुवाहाटी में गजराज महोत्सव-2023 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रकृति और मानवता के बीच पवित्र रिश्ता होता है। जो कार्य प्रकृति और पशु-पक्षियों के लिए हितकारी है, वह मानवता के भी हित में है। धरती माता के हित में भी है। इससे पूर्व उन्होंने कांजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में हाथी को खाना खिलाया और जीप सफारी का लुत्फ लिया। राष्ट्रपति ने हाथियों के साथ दया का व्यवहार करने, उनके गलियारों को अवरोधों से मुक्त रखने का आग्रह किया ताकि उनकी आवाजाही आसान हो सके।

तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर होने के नाते राष्ट्रपति को सेना की ताकतों, हथियारों और नीतियों से अवगत कराया जाता है। द्रौपदी मुर्मू से पहले पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल और रामनाथ कोविंद वायुसेना के फाइटर जेट्स में उड़ान भर चुके हैं। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने 2009 में देश के इस अत्याधुनिक लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी।

बता दें कि इस समय चीन से लगी सीमा पर सेना को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। चीन लगातार घुसपैठ की कोशिशें करता रहता है। ऐसे समय में राष्ट्रपति का सुखोई लड़ाकू विमान में उड़ान भरना भारत की तरफ से दुश्मन देशों को एक कड़ा संदेश देना है। बता दें कि तेजपुर एयरफोर्स बेस देश की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम एयरबेस है।

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