8 साल पहले पिता ‌की कोर्ट में हो गई थी हत्या, दर्ज थे कई केस, अब बेटी बन गई ‌डिप्टी SP

मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की पीसीएस फाइनल परीक्षा के नतीजे शुक्रवार को घोषित कर दिए गए। मुरादाबाद की आयुषी सिंह ने भी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की परीक्षा पास की है। आयुषी के पिता योगेंद्र सिंह पर हत्या समेत कई मुकदमे दर्ज थे। लेकिन, अब इस परिवार की पहचान डीएसपी आयुषी सिंह की फैमिली से होगी।

मुरादाबाद के तत्कालीन डिलारी ब्लाक प्रमुख योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा का परिवार मूल रूप से भोजपुर के मानपुर गांव का रहने वाला है। आयुषी दिल्ली में रहती हैं। वहीं रहकर उन्होंने यूपीपीएससी की तैयारी की। वे कहती हैं कि पिता मुझे हमेशा अफसर बनना चाहते थे। मैंने उनका सपना पूरा कर दिया। आयुषी ने कहा कि पिताजी ने हम लोगों की पढ़ाई के लिए मुरादाबाद के आशियाना में घर बनवाया था। उनकी हत्या के बाद ही मैंने अधिकारी बनने की ठान ली थी। इसके लिए यूपीपीएससी को चुना।

मम्मी, मैं डीएसपी बन गई
शुक्रवार को परिणाम आते ही आयुषी ने मां पूनम को फोन करके बताया, “मैं डीएसपी बन गई। मां ने पिता का सपना पूरा करने के लिए धन्यवाद दिया। इसके बाद मेरी अफसर बनने की खुशी हजार गुणा हो गई। हम दो भाई-बहन हैं। मेरी सफलता के पीछे परिवार का बहुत सहयोग रहा है।

मुरादाबाद से हासिल की प्रारंभिक शिक्षा
आयुषी सिंह ने मुरादाबाद के केसीएम स्कूल से हाईस्कूल तक की पढ़ाई की। यहीं से उन्होंने 12वीं की परीक्षा पास की। इसके बाद दिल्ली का रुख किया। दिल्ली विश्वविद्यालय से उन्होंने वर्ष 2019 में स्नातक की परीक्षा पास की। वर्ष 2021 में उन्होंने पॉलिटिकल साइंस से एमए की पढ़ाई पूरी की। नेट की परीक्षा में बैठी और वहां भी सफलता दर्ज की। पिछले दो सालों से वह यूपीपीएससी की तैयारी में जुटी थीं। आखिरकार उन्होंने इस परीक्षा में भी सफलता हासिल की।

कोर्ट परिसर में हुई थी भूरा की हत्या
योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा की हत्या मुरादाबाद के कोर्ट परिसर में ही कर दी गई थी। शूटर रिंकू के मर्डर केस में मुरादाबाद जेल में बंद भूरा और उनके साथियों को 23 फरवरी 2015 को पेशी पर कोर्ट लाया गया था। तभी रिंकू के भाई सुमित और अन्य शूटर्स ने पुलिस कस्टडी में भूरा पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थीं। भूरा कोर्ट रूम के बाहर बनी बेंच पर बैठकर कोर्ट में अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे थे। पुलिस कर्मी उनके पास तैनात थे। तभी वहां पहुंचे रिंकू के भाई सुमित ने भूरा के पैर छुए और फिर उन पर गोलियां दाग दी थीं। कचहरी में पुलिस कस्टडी में गोलियों से भूनकर भूरा की हत्या कर दी गई थी। हत्या की इस सनसनीखेज वारदात से पूरी कचहरी दहल उठी थी।

घटना के बाद वकीलों ने सुमित के दो साथियों को दबोच लिया था। उस समय सुमित भागने में कामयाब हो गया। हालांकि, बाद में पुलिस ने उसे पकड़ लिया। लेकिन, कोर्ट में पेशी के दौरान कोर्ट लाया गया सुमित एक बार फिर पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। पुलिस ने सुमित पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया है।

मां पूनम ने बच्चों को अपराध की छाया से दूर रखा
पूनम देवी ने पति योगेंद्र भूरा की मौत के बाद बदले की आग में झुलसने के बजाए बच्चों को पढ़ाई की तरफ फोकस किया। योगेंद्र भूरा का वेस्ट यूपी से लेकर पूर्वांचल के बाहुबलियों तक बेहतरीन कनेक्शन था। भूरा की मौत के बाद उसका बदला लेने के प्रस्ताव कई बाहूबलियों ने पूनम के सामने रखे। लेकिन उन्होंने अपराध और बदले के इस चैप्टर को वहीं बंद कर दिया। पूनम ने कहा कि वो अपने बच्चों पर अपराध की छाया नहीं पड़ने देना चाहती। पूनम देवी के इसी फैसले का नतीजा है कि उनकी बेटी आयुषी सिंह आज डिप्टी एसपी के लिए चुनी गई हैं और बेटा आईआईटी दिल्ली से एमटेक कर रहा है।

Exit mobile version