नई दिल्ली। दक्षिण भारत के एक और राज्य में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। संयुक्त आंध्र प्रदेश के पूर्व और अंतिम मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने आज भाजपा का दामन थाम लिया है। किरण प्रह्लाद जोशी की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए उन्होंने यह कदम उठाया।
पूर्व कांग्रेस नेता किरण कुमार रेड्डी ने दिल्ली में भाजपा ज्वाइन करने के बाद कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे कांग्रेस छोड़नी पड़ेगी। उन्होंने राहुल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि एक कहावत है- ‘मेरा राजा बहुत बुद्धिमान है, वह अपने बारे में नहीं सोचता, किसी की सलाह नहीं सुनता।
पार्टी छोड़ने पर उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी लोगों के मत को नहीं समझ पा रही है। कांग्रेस पार्टी न तो विश्लेषण कर रही है कि गलती क्या है और न ही वे सही करना चाहते हैं। वह यही सोचने हैं कि मैं ही सही हूं और देश की जनता सहित बाकी सब गलत हैं। इसी विचारधारा कि वजह से मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया।’ उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस आलाकमान के गलत फैसलों की वजह से राज्य दर राज्य पार्टी टूट रही, यह एक राज्य की बात नहीं। एक पुरानी कहानी है कि मेरा राजा बहुत बुद्धिमान है वह अपने आप नहीं सोचता और न ही किसी का सुझाव मानता है। आप सबको पता चल गया होगा कि मैं क्या कहना चाहता हूं।’
आंध्र प्रदेश में चुनाव
खास बात है कि रेड्डी ने भाजपा में शामिल होने का फैसला ऐसे समय पर किया है, जब राज्य में विधानसभा चुनाव में एक साल का वक्त बचा है। फिलहाल, राज्य में YSR कांग्रेस मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की अगुवाई में सत्ता में है। माना जा रहा है कि दक्षिण भारतीय राज्यों में विस्तार की कोशिशों में जुटी भाजपा के लिए रेड्डी की एंट्री फायदेमंद हो सकती है।
संयुक्त आंध्र प्रदेश के रहे आखिरी मुख्यमंत्री
किरण कुमार रेड्डी संयुक्त आंध्र प्रदेश के आखिरी मुख्यमंत्री रहे। साल 2014 में जब तत्कालीन यूपीए सरकार ने आंध्र प्रदेश का बंटवारा कर उसे आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में विभाजित करने का फैसला किया तो किरण कुमार रेड्डी ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया था। किरण रेड्डी ने विरोध स्वरूप कांग्रेस से इस्तीफा देकर अपनी अलग पार्टी जय समैक्य आंध्र बनाई थी। हालांकि साल 2018 में वह फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए थे। किरण रेड्डी ने बीती 12 मार्च को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपना इस्तीफा भेजा था। उसके बाद से ही किरण रेड्डी के भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रहीं थी।