कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को राज्य का बजट पेश किया, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कई बड़े ऐलान किए गए। इस बजट को लेकर भाजपा ने कड़ा विरोध जताया और इसे “आधुनिक मुस्लिम लीग बजट” करार दिया। भाजपा नेता प्रदीप भंडारी ने कहा कि यह बजट कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के पक्षपाती रवैये को दर्शाता है। आइए, इस बजट के प्रमुख बिंदुओं को विस्तार से समझते हैं।
बजट में अल्पसंख्यकों के लिए बड़े ऐलान
वक्फ संपत्तियों का संरक्षण – वक्फ जमीनों के रखरखाव और कब्रिस्तानों के विकास के लिए 150 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
अल्पसंख्यक कॉलोनी विकास कार्यक्रम – इस कार्यक्रम के तहत 1,000 करोड़ रुपये की कार्ययोजना बनाई गई है, जो वित्तीय वर्ष 2025-26 में लागू होगी।
शादी सहायता योजना – आर्थिक रूप से कमजोर अल्पसंख्यकों के लिए हर जोड़े को 50,000 रुपये की सहायता दी जाएगी।
हज भवन का विस्तार – हज यात्रियों के लिए सुविधाओं में विस्तार करते हुए हज भवन परिसर में एक और इमारत बनाई जाएगी।
मौलाना आज़ाद मॉडल इंग्लिश मीडियम स्कूल – कर्नाटक पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर 250 मौलाना आज़ाद मॉडल इंग्लिश मीडियम स्कूलों की स्थापना की जाएगी, जिसके लिए 500 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है। पहले चरण में 100 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
मदरसा शिक्षा का आधुनिकीकरण – मदरसों में धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ औपचारिक शिक्षा भी प्रदान की जाएगी। छात्रों को एसएसएलसी परीक्षा की तैयारी कराने के लिए स्मार्ट बोर्ड, कंप्यूटर और अन्य सुविधाएं दी जाएंगी।
अल्पसंख्यक स्टार्टअप्स को बढ़ावा – कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम के माध्यम से अल्पसंख्यक युवाओं को नए स्टार्टअप शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
इमामों और अन्य धार्मिक पदाधिकारियों का मानदेय बढ़ाया गया – मस्जिदों के पेश-इमामों का मानदेय बढ़ाकर 6,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। सहायक ग्रंथी और मुअज्जिन को अब 5,000 रुपये प्रति माह दिया जाएगा।
सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों के लिए हॉल निर्माण – अल्पसंख्यकों के सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजनों के लिए बहुउद्देश्यीय हॉल बनाए जाएंगे। होबली और तालुक स्तर पर इनका निर्माण 50 लाख रुपये की लागत से होगा, जबकि जिला मुख्यालयों और नगर निगम क्षेत्रों में 1 करोड़ रुपये की लागत से हॉल बनाए जाएंगे।
बौद्ध केंद्र का विकास – कलबुर्गी जिले के चित्तपुरा तालुका में प्राचीन बौद्ध केंद्र सन्नति के विकास के लिए सन्नति विकास प्राधिकरण की स्थापना की जाएगी।
भाजपा का विरोध और आरोप
कर्नाटक के बजट को लेकर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने इस बजट को “आधुनिक मुस्लिम लीग बजट” बताया। उनका कहना था कि:
कांग्रेस सरकार ने इमामों का मानदेय बढ़ाकर उन्हें विशेष लाभ दिया है।
वक्फ संपत्तियों के लिए 150 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो एकतरफा नीति दर्शाता है।
आत्मरक्षा प्रशिक्षण के लिए केवल अल्पसंख्यक लड़कियों को धन आवंटित किया जा रहा है।
कुल मिलाकर, 1000 करोड़ रुपये से अधिक का उपयोग केवल अल्पसंख्यकों के लिए किया जा रहा है।
हाल ही में हुबली दंगाइयों के खिलाफ मामले वापस लेने की सरकार की घोषणा ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस सरकार की नीतियां केवल एक समुदाय के पक्ष में झुकी हुई हैं।
भंडारी ने इस बजट की तुलना मोहम्मद अली जिन्ना की नीतियों से करते हुए कहा कि कांग्रेस कर्नाटक में ठीक उसी तरह शासन कर रही है, जैसे पाकिस्तान में जिन्ना ने किया था।
राजनीतिक मायने
कर्नाटक का यह बजट राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। कांग्रेस सरकार ने इस बजट के माध्यम से अल्पसंख्यकों को बड़े पैमाने पर लाभ देने की कोशिश की है, जिससे उसे भविष्य में चुनावी लाभ मिल सकता है। वहीं, भाजपा इस बजट को तुष्टिकरण की राजनीति करार दे रही है और हिंदू मतदाताओं को लामबंद करने की कोशिश कर रही है।
कुल मिलाकर, यह बजट जहां अल्पसंख्यकों के लिए नई योजनाएं और अवसर लेकर आया है, वहीं यह राज्य में राजनीतिक टकराव को भी तेज कर सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस सरकार अपने इन वादों को कितना प्रभावी तरीके से लागू कर पाती है और विपक्ष इस मुद्दे को कैसे भुनाने की कोशिश करता है।