उत्तर प्रदेश बजट 2025-26: विकास की नई दिशा

उत्तर प्रदेश विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 8,08,736.60 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तुत किया गया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश करते हुए बताया कि यह बजट 2024-25 की तुलना में 9.8 प्रतिशत अधिक है। बजट में पूंजीगत परिव्यय कुल बजट का लगभग 20.5 प्रतिशत रखा गया है, जिसमें अवसंरचना निर्माण, विस्तार और निवेश से संबंधित व्यय शामिल हैं।
अवसंरचना विकास और पूंजीगत व्यय
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में उद्योग, आवागमन, उत्पादों की बाजार तक पहुंच और पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए बजट में महत्वपूर्ण प्रावधान किए हैं। अवसंरचना विकास के लिए 22 प्रतिशत, शिक्षा के लिए 13 प्रतिशत, कृषि और संबद्ध सेवाओं के लिए 11 प्रतिशत, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के लिए 6 प्रतिशत तथा सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए 4 प्रतिशत का आवंटन किया गया है।
एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, अवस्थापना, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, नगर विकास, वित्तीय सेवाएं और ऊर्जा के लिए सेक्टरवार कार्ययोजना बनाई गई है। इस कार्ययोजना की नियमित समीक्षा की जा रही है।
व्यापार सुगमता और निवेश वृद्धि
सरकार व्यापार को आसान बनाने, ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा देने और संतुलित निवेश सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयासरत है। वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश को एक प्रमुख निवेश केंद्र और देश के ग्रोथ इंजन के रूप में स्थापित करने की प्रतिबद्धता के तहत विकास योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं।
आर्थिक प्रगति और जीडीपी में वृद्धि
वर्ष 2017-18 में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था खराब स्थिति में थी और राज्य की जीएसडीपी 12.89 लाख करोड़ रुपए थी। सरकार के प्रयासों से यह दोगुनी होकर 2024-25 में 27.51 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है। वित्त मंत्री ने बताया कि 2023-24 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 9.6 प्रतिशत थी, जबकि उत्तर प्रदेश की वृद्धि दर 11.6 प्रतिशत रही, जिससे राज्य आर्थिक विकास में अग्रणी बन गया है।
प्रति व्यक्ति आय में उल्लेखनीय वृद्धि
2016-17 में उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय मात्र 52,671 रुपये थी, जो 2019-20 में बढ़कर 65,660 रुपये हो गई। कोविड-19 महामारी के प्रभाव के बावजूद, उत्तर प्रदेश ने तीव्र आर्थिक सुधार किया और 2023-24 में प्रति व्यक्ति आय 93,514 रुपये तक पहुंच गई।
चिकित्सा और स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश
उत्तर प्रदेश सरकार ने चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं पर किए गए व्यय में बढ़ोतरी की है। 2017-18 में उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य व्यय अनुपात 5.3 प्रतिशत था, जो 2024-25 में बढ़कर 5.9 प्रतिशत हो गया। यह राज्य सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
राज्य की ऋणग्रस्तता में कमी
सरकार ने न केवल आंतरिक संसाधनों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है, बल्कि ऋणग्रस्तता में भी कमी लाई है। वर्ष 2016-17 में जीएसडीपी के अनुपात में राज्य की ऋणग्रस्तता 36.7 प्रतिशत थी, जो 2022-23 में घटकर 30.4 प्रतिशत हो गई है। यह उत्तर प्रदेश सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन का प्रमाण है।
उत्तर प्रदेश का बजट 2025-26 राज्य को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने, निवेश को बढ़ावा देने और सामाजिक कल्याण योजनाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार द्वारा अपनाई गई योजनाएं उत्तर प्रदेश को देश का प्रमुख आर्थिक केंद्र बनाने में सहायक सिद्ध होंगी।
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