वाराणसी-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर भीषण हादसा: नौ श्रद्धालुओं की मौत, दर्जनों घायल

वाराणसी-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग 731 पर सरोखनपुर अंडरपास के समीप मंगलवार देर रात एक भीषण सड़क हादसा हुआ, जिसमें नौ श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 33 से अधिक लोग घायल हो गए। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई, जिससे पूरा क्षेत्र मातम में डूब गया।
हादसे का मंजर: दो भीषण टक्करों ने ली नौ जानें
पहला हादसा रात करीब 1:30 बजे हुआ, जब एक टाटा सूमो अज्ञात वाहन से टकरा गई। इस वाहन में झारखंड के 11 श्रद्धालु सवार थे, जो वाराणसी से अयोध्या दर्शन के लिए निकले थे। इस हादसे में पांच श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जिनमें तीन महिलाएं, एक पुरुष और एक मासूम बच्चा शामिल थे।
दूसरा हादसा इसी स्थान पर करीब सवा दो बजे हुआ, जब बिहार से चावल लादकर बरेली जा रहे एक ट्रेलर से तेज रफ्तार बस टकरा गई। इस बस में दिल्ली के मादीपुर मोहल्ले के श्रद्धालु सवार थे, जो काशी दर्शन के बाद अयोध्या जा रहे थे। इस भीषण टक्कर में बस चालक सोनू सिंह (35), उसकी बड़ी बहन बेबे (38) और 65 वर्षीय दादी की मौके पर ही मौत हो गई।
श्रद्धालु थे काशी से अयोध्या के सफर पर
बस में सवार श्रद्धालु दिल्ली के मादीपुर इलाके के थे, जो 15 फरवरी को धार्मिक यात्रा पर निकले थे। 16 फरवरी को चित्रकूट में दर्शन के बाद 17 फरवरी को प्रयागराज पहुंचे और महाकुंभ में अमृत स्नान किया। 19 फरवरी की सुबह काशी में बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के बाद, रात करीब 10 बजे अयोध्या के लिए रवाना हुए थे। लेकिन सरोखनपुर अंडरपास के पास सबसे आगे चल रही बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
घायलों की स्थिति गंभीर
इस हादसे में कुल 33 लोग घायल हुए, जिनमें से 27 बस में सवार श्रद्धालु थे। पुलिस ने सभी घायलों को तुरंत सीएचसी भेजा, जहां से उनकी गंभीर हालत को देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। घायलों में शामिल नाम निम्नलिखित हैं:
बबली (46), सुभाष (50), दिनेश (39), रंजीत (40), कविता (45), हरिश्चंद्र (61), भगवान सिंह (58), मायावती (55), हेमचंद्र (55), गीता (55), किशोरीलाल (60), लक्ष्मी (32), सुरेश (55), सुशीला (60), सरस्वती (55), आशीष (30), शकुंतला (54), रामवती (60), राधा (70), गीतांजलि (31), तारा (65), कमलेश (50), मंशा (48), मीना (65)।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही प्रभारी निरीक्षक गजानंद चौबे, तहसीलदार राकेश कुमार और एसडीएम योगिता सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने बचाव कार्य शुरू करवाते हुए घायलों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने का निर्देश दिया। सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
एसडीएम योगिता सिंह ने अन्य यात्रियों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए और प्रशासन ने परिजनों से संपर्क कर उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
हादसे के बाद मातम का माहौल
इस भीषण हादसे के बाद मृतकों के परिजनों में कोहराम मच गया है। पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। हादसे में बचे यात्रियों ने बताया कि वे सफर के दौरान गहरी नींद में थे, जब अचानक जोरदार झटका लगा और सबकुछ तहस-नहस हो गया।
यह हादसा सड़क सुरक्षा को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। अंधाधुंध रफ्तार और लापरवाही से हो रही दुर्घटनाओं पर प्रशासन को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। श्रद्धालुओं के लिए यह यात्रा आस्था से भरी थी, लेकिन अनहोनी ने इसे दर्दनाक बना दिया। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि सड़क सुरक्षा नियमों को कड़ाई से लागू करें ताकि भविष्य में ऐसे हृदयविदारक हादसे दोबारा न हों।
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