दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनीं रेखा गुप्ता, सियासी सफर की शानदार कहानी

दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता रेखा गुप्ता को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया है। भाजपा विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से उनके नाम पर मुहर लगी। इसके साथ ही वह दिवंगत और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बाद भाजपा से दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री बन गई हैं।
राजनीतिक सफर की शुरुआत
रेखा गुप्ता का जन्म 1974 में हरियाणा के जींद जिले के जुलाना उपमंडल के नंदगढ़ गांव में हुआ था। जब वह मात्र दो वर्ष की थीं, तब उनके पिता को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में मैनेजर की नौकरी मिली और पूरा परिवार दिल्ली आकर बस गया। दिल्ली में ही उनकी प्रारंभिक शिक्षा पूरी हुई और इसके बाद उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़कर छात्र राजनीति में कदम रखा।
ABVP से जुड़ने के बाद रेखा गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की महासचिव और अध्यक्ष भी रहीं। इसी दौरान उनकी राजनीति में सक्रियता बढ़ी और भाजपा से उनके राजनीतिक करियर की औपचारिक शुरुआत हुई।
शिक्षा और करियर
राजनीति में सक्रिय रहने के बावजूद रेखा गुप्ता ने अपनी शिक्षा को भी प्राथमिकता दी। उन्होंने वर्ष 2022 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के आईएमआईआरसी कॉलेज ऑफ लॉ, भैना गाजियाबाद से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने वकालत को अपने पेशे के रूप में अपनाया।
राजनीति में उनका सफर स्थानीय स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचा। विधायक बनने से पहले वह दिल्ली नगर निगम की पार्षद रह चुकी हैं। इसके अलावा, वह भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य और दिल्ली प्रदेश इकाई की महासचिव भी रह चुकी हैं।
विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत
रेखा गुप्ता ने 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की टिकट पर पहली बार शालीमार बाग विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की। उनकी इस जीत को भाजपा के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने जनता से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता दी और क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने का भरोसा दिलाया। उनके जमीनी जुड़ाव और संगठन में मजबूत पकड़ की वजह से उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया और मुख्यमंत्री पद तक पहुंचने का गौरव प्राप्त हुआ।
परिवार और सामाजिक जुड़ाव
भले ही रेखा गुप्ता का राजनीतिक करियर दिल्ली में विकसित हुआ हो, लेकिन वह अपने पैतृक गांव से भी गहरा संबंध रखती हैं। उनके परिवार के लोग आज भी जुलाना की अनाज मंडी में आढ़त का काम करते हैं। रेखा गुप्ता खुद भी समय-समय पर अपने गांव जाती रहती हैं और स्थानीय लोगों से मुलाकात करती हैं।
भविष्य की चुनौतियाँ
दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने के बाद रेखा गुप्ता के सामने कई महत्वपूर्ण चुनौतियाँ हैं। राजधानी में बुनियादी सुविधाओं को सुधारने, महिलाओं की सुरक्षा को मजबूत करने, ट्रैफिक और प्रदूषण जैसी समस्याओं का समाधान निकालने की जिम्मेदारी अब उनके कंधों पर है।
उनका अनुभव और संगठन पर पकड़ यह दर्शाती है कि वे इन चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। भाजपा नेतृत्व को भी उनसे काफी उम्मीदें हैं, और दिल्ली की जनता उन्हें एक नई दृष्टि और ऊर्जा के साथ नेतृत्व करते देखने के लिए उत्सुक है।
रेखा गुप्ता का मुख्यमंत्री बनना न केवल दिल्ली की राजनीति के लिए बल्कि भारतीय जनता पार्टी के लिए भी एक महत्वपूर्ण क्षण है। उनकी संघर्षपूर्ण यात्रा और राजनीतिक प्रतिबद्धता उन्हें इस उच्च पद तक ले आई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपने नेतृत्व में दिल्ली के विकास को कैसे आगे बढ़ाती हैं और जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरती हैं।
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