दिल्ली की नई सरकार एक्शन मोड में, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने संभाली कमान

दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद नई सरकार पूरी तरह एक्शन मोड में आ गई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली में टूटी सड़कों और पानी से जुड़ी समस्याओं को लेकर महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। यह बैठक दोपहर में दिल्ली सचिवालय में आयोजित होगी, जिसमें संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहेंगे।
पुरानी सरकार के फैसलों पर पुनर्विचार
नई सरकार ने आते ही पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी और उनके मंत्रिमंडल के व्यक्तिगत स्टाफ की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। इसके अलावा, पूर्व सरकार द्वारा प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके मूल विभागों में लौटने का निर्देश दिया गया है। इससे पहले, सभी विभागों से पूर्व सरकार द्वारा किए गए कांट्रैक्ट और व्यक्तिगत स्टाफ की जानकारी मांगी गई थी, जिसे अब निरस्त किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री का मिशन: विकसित दिल्ली
दिल्ली सचिवालय में पदभार ग्रहण करने के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्पष्ट किया कि उनकी प्राथमिकता विकसित दिल्ली का निर्माण है। उन्होंने कहा, “हम लगातार काम करेंगे और दिल्ली वालों से किए गए हर वादे को पूरा करेंगे। एक भी दिन व्यर्थ नहीं जाने देंगे।”
सादगी से हुआ मुख्यमंत्री का स्वागत
नई सरकार ने सादगी को प्राथमिकता दी है। सचिवालय में मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए अतिरिक्त रोशनी या फूलों की सजावट नहीं की गई। मुख्यमंत्री का स्वागत अतिरिक्त मुख्य सचिव (सामान्य प्रशासन विभाग) नवीन चौधरी ने पुष्पगुच्छ देकर किया। इस दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, कैबिनेट मंत्री आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा और रविंद्र इंद्रराज भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री के कार्यालय पहुंचने पर मुख्य सचिव धर्मेंद्र ने भी पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया।
भाजपा नेताओं की उपस्थिति और जय श्रीराम के नारे
कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा और प्रवेश वर्मा के सचिवालय पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए। इस दौरान केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा, सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, बांसुरी स्वराज और योगेंद्र चंदोलिया भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री कार्यालय में बदलाव
जब अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर आतिशी को मुख्यमंत्री बनाया था, तब आतिशी ने केजरीवाल की कुर्सी का उपयोग नहीं किया था, बल्कि अपने लिए अलग कुर्सी लगवाई थी। अब नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उसी कुर्सी को पुनः ग्रहण किया, जिस पर केजरीवाल बैठा करते थे।
सचिवालय के खर्चों पर उठे सवाल
कैबिनेट मंत्री प्रवेश साहिब सिंह और आशीष सूद ने मुख्यमंत्री कार्यालय में पहुंचकर वहां की भव्यता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने जिस तरह अपने आवास पर अनावश्यक खर्च किया, उसी तरह अपने कार्यालय के नवीनीकरण में भी भारी खर्च किया गया है। उन्होंने कहा, “यह किसी मुख्यमंत्री का कार्यालय कम और एक बड़े कॉर्पोरेट हाउस का दफ्तर अधिक लग रहा है।”
38 करोड़ रुपये का नवीनीकरण
बता दें कि मुख्यमंत्री कार्यालय और अन्य प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों के कार्यालय के नवीनीकरण पर करीब 38 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। हालांकि, इस पर पहले कभी विवाद नहीं हुआ था, लेकिन नई सरकार के आने के बाद इस मुद्दे पर पुनर्विचार किया जा सकता है।
दिल्ली की नई सरकार अब पूरी तरह विकास कार्यों पर फोकस कर रही है और आने वाले दिनों में शहर में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
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