महाकुंभ पर ममता बनर्जी की टिप्पणी से सियासी संग्राम, भाजपा ने किया पलटवार

महाकुंभ को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा की गई विवादित टिप्पणी से सियासी हलचल तेज हो गई है। उन्होंने हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित महाकुंभ के प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए इसे ‘मृत्यु कुंभ’ करार दिया था। ममता बनर्जी का कहना था कि भगदड़ जैसी घटनाओं में लोगों की जान जा रही है, जिससे यह आयोजन सुरक्षित नहीं रह गया है। उनकी इस टिप्पणी के बाद भाजपा नेताओं ने उन पर तीखा हमला बोला और उन्हें आड़े हाथों लिया।
हिमंत बिस्वा सरमा का ममता बनर्जी को जवाब
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ममता बनर्जी की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए उन्हें महाकुंभ में आने का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि ममता दीदी को प्रयागराज आकर इस धार्मिक समागम की व्यवस्थाओं को स्वयं देखना चाहिए। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि वह खुद महाकुंभ में शामिल होने को लेकर गर्व महसूस कर रहे हैं।
सरमा ने ट्वीट करते हुए लिखा, “आज त्रिवेणी संगम पर स्नान का अनुभव शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। यह केवल नदियों का संगम नहीं है, बल्कि करोड़ों संतों की आस्था, आध्यात्मिकता और विरासत का संगम है। महाकुंभ मनुष्य को महादेव से जोड़ने वाला दिव्य सेतु है।” उन्होंने आगे कहा कि सनातन धर्म अतीत, वर्तमान और भविष्य है और जब तक सूर्य और चंद्रमा रहेंगे, तब तक सनातन धर्म भी रहेगा।
शुभेंदु अधिकारी का भी जवाब
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी ममता बनर्जी की टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने प्रयागराज में संगम पर स्नान किया और अपने अनुभव को साझा किया। शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि महाकुंभ सनातन धर्म की सबसे बड़ी परंपरा है, और इसका अपमान करना लाखों श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने के समान है।
भाजपा नेताओं की कड़ी प्रतिक्रिया
ममता बनर्जी के बयान पर भाजपा के कई अन्य नेताओं ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। भाजपा नेताओं ने कहा कि महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसे ‘मृत्यु कुंभ’ कहना श्रद्धालुओं और संत समाज का अपमान है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस आयोजन की पूरी तैयारी की है और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाए गए हैं।
महाकुंभ: आस्था का महापर्व
महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक भी है। इसे लेकर किसी भी तरह की नकारात्मक टिप्पणी आस्था से जुड़े करोड़ों लोगों की भावनाओं को आहत कर सकती है। यही कारण है कि ममता बनर्जी की टिप्पणी पर भाजपा और संत समाज की ओर से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
महाकुंभ को लेकर ममता बनर्जी की टिप्पणी ने सियासी हलचल बढ़ा दी है। भाजपा ने इसे सनातन धर्म और श्रद्धालुओं का अपमान बताते हुए ममता बनर्जी से अपने बयान पर पुनर्विचार करने की अपील की है। हिमंत बिस्वा सरमा और शुभेंदु अधिकारी जैसे नेताओं ने महाकुंभ की पवित्रता और इसकी महत्ता को रेखांकित करते हुए इसे भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा बताया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद में आगे क्या मोड़ आता है और ममता बनर्जी अपने बयान पर क्या प्रतिक्रिया देती हैं।
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