आज मनाए अर्थ आवर, एक घंटा बंद रखें घरों के बिजली लाइट व अन्य उपकरण

नई दिल्ली। भारत समेत दुनियाभर में आज यानी 25 मार्च को रात 8:30 से 9:30 बजे तक अर्थ आवर डे मनाया जाएगा। अर्थ आवर के दौरान ऊर्जा संरक्षण हेतु समर्थन के रूप में लोग 1 घंटे तक अपने घरों और ऑफिसों में लाइट बंद कर देते हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए इस प्रतीकात्मक आह्वान में ऊर्जा बचाने हेतु गैर-आवश्यक प्रकाश के उपयोग को कम करना है।

राजधानी में बिजली वितरण कर रही बिजली कंपनियों (डिस्कॉम्स) ने 2 करोड़ से ज्यादा बिजली उपभोक्तओं से अपील की है कि वे इस शनिवार दुनियाभर में मनाए जा रहे अर्थ आवर में शामिल हों और रात 8.30 से 9.30 बजे के बीच स्वेच्छा से अपने घरों व कार्यस्थलों की गैरजरूरी लाइट्स व बिजली उपकरणों को बंद रखें। बिजली कंपनी बीएसईएस खुद भी अपने 400 से अधिक ऑफिसों में अर्थ आवर के दौरान गैर जरूरी लाइट्स को बंद रखेगी।

विगत वर्षों दिल्ली वालों ने बड़े पैमाने पर बिजली बचाई
2022 में अर्थ आवर के दौरान दिल्ली के लोगों ने 171 मेगावॉट बिजली बचाई। वहीं 2021 में 334 मेगावॉट, 2020 में 79 मेगावॉट बिजली की बचत की। 2019 में 279 मेगावॉट की बचत हुई। वहीं 2018 में 305 मेगावॉट, 2017 में 290 मेगावॉट, 2016 में 230 मेगावॉट, 2015 में 200 मेगावॉट, 2014 में 250 मेगावॉट, 2013 में 250 मेगावॉट और 2012 में 240 मेगावॉट मेगावॉट बिजली बचाई।

अर्थ आवर की हिस्ट्री
साल 2007 में वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर और पार्टनर्स ने सिडनी में एक प्रतीकात्मक लाइट-आउट कार्यक्रम का आयोजन किया था, तब से ये शुरू हो गया। अर्थ आवर में 190 से अधिक देश और क्षेत्र भाग लेते हैं, जो मार्च के अंतिम शनिवार को हर साल आयोजित होने वाला एक वैश्विक कार्यक्रम है। जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के प्रयास में साल 2007 से हर साल लाखों लोगों ने वैश्विक कार्यक्रमों में भाग लिया है।

अर्थ आवर डे मानने के पीछे क्या है मकसद
अर्थ आवर डे को मनाने का मुख्य मकसद दुनिया में ऊर्जा की बड़े स्तर पर खपत को बचाना और प्रकृति की सुरक्षा के लिए जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करना है। अर्थ आवर डे की आधिकारिक वेबसाइट पर लिखा है कि प्रकृति के नुकसान और जलवायु परिवर्तन पर चर्चा पर जल्द से जल्द प्रकाश डालने को लेकर दुनिया भर के लाखों लोगों, व्यवसायों और नेताओं को एक साथ लाएं। प्रकृति को हो रहे नुकसान को देखते हुए अर्थ आवर दुनिया के लोगों को इस मुद्दे पर बोलने के लिए भी एकजुट करता है।

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