लखनऊ। सपा एमएलसी और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या अपने बयानों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। रामचरित मानस पर दिए गए विवादित बयान के बाद उन्होंने एक बार फिर रामचरित मानस सुंदरकांड पर सवाल खड़ा करते हुए योगी सरकार पर तंज कसा है।
वामी प्रसाद ने ट्वीट कर लिखा कि ढोल, गवार, शुद्र, पशु, नारी। सकल ताड़ना के अधिकारी।। उसी सुंदरकांड का हिस्सा है जिसका सरकार ने पाठ कराने का निर्णय लिया है यानी सरकार का यह निर्णय महिलाओं व शूद्र समाज को प्रताड़ित व अपमानित करने वाले 3% लोगों का बढ़ावा देने एवं 97% हिंदू समाज के भावनाओं को आहत करने वाला है।
इससे पहले स्वामी प्रसाद ने मैनपुरी दौरे पर भी रामचरित मानस पर विवादित बयान दिया था। स्वामी ने सरकारी खर्चे पर धार्मिक पाठ के आयोजन के सरकार के निर्णय पर सवाल खड़ा किया था। स्वामी ने कहा कि पूरी दुनिया में जब रामचरित मानस का पाठ लोगों ने स्वत ही बंद कर दिया तो सरकार अपने खर्चे पर ये पाठ करा रही है। ये देश सबका है। स्वामी ने कहा कि विभिन्न धर्मों, जातियों के लोगों ने आजादी दिलाने में शहादत दी। ऐसे में धर्म विशेष को बढ़ावा देकर सरकार संविधान का उल्लंघन कर रही है। वे सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। सरकार भी सभी धर्मों को बढ़ावा दे।
हाल में ही योगी सरकार ने चैत्र नवरात्रि में यूपी के हर एक जिले में अखंड रामायण का पाठ कराने का आदेश जारी किया है। जिस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज कसा था और अब स्वामी प्रसाद मौर्या ने ट्वीट कर योगी सरकार को घेरने की कोशिश की है। अखिलेश यादव ने कहा-“रामनवमी मनाने के लिए उप्र के ज़िलाधिकारियों को 1 लाख रुपये दिये जाने के प्रस्ताव का स्वागत है पर इतनी कम रक़म से होगा क्या, कम से कम 10 करोड़ देने चाहिए जिससे सभी धर्मों के त्योहारों को मनाया जा सके। भाजपा सरकार त्योहारों पर फ़्री सिलेंडर दे और इसकी शुरुआत इसी रामनवमी से हो।”