दिल्ली/पटना। जाने-माने बिल्डर और आम्रपाली ग्रुप के प्रबंध निदेशक अनिल शर्मा पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है। सीबीआई ने उन पर हत्या का मामला दर्ज किया है।
बिहार के लखीसराय में 2 अगस्त, 2014 को बालिका विद्यापीठ के पूर्व सचिव डॉक्टर शरद चंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। चंद्र की हत्या के बाद स्थानीय पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी। इस मामले में आम्रपाली ग्रुप के प्रबंध निदेशक अनिल शर्मा, डा. प्रवीण सिन्हा, डा. श्याम सुंदर सिंह, राजेंद्र सिंघानिया, अनिता सिंह, शंभूशरण सिंह, राधेश्याम व दो अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
डॉक्टर चंद्रा की पत्नी उमा शर्मा ने आरोप लगाया था कि इन लोगों ने मेरे पति की हत्या की साजिश रची। पटना हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू की। कोर्ट ने कहा कि हत्या के पीछे मकसद यह था कि शिक्षण संस्थान की जमीन और संपत्ति को हासिल किया जा सके। डॉक्टर शर्मा की पत्नी ने आरोप लगाया था कि आम्रपाली ग्रुप के एमडी ने अन्य लोगों के साथ मिलकर जबरन संस्थान पर कब्जा किया और डॉक्टर शर्मा को अगस्त 2009 में पद से हटा दिया। उसके बाद से ही दोनों पक्षों में विवाद चल रहा था।
पिछले साल 12 दिसंबर को पटना हाई कोर्ट की सिंगल जज की बेंच ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी। इस मामले में शरद चंद्रा की पत्नी ने याचिका दायर की थी। इसके बाद सीबीआई ने 9 जनवरी को इस मामले में केस दर्ज किया है और मामले की जांच कर रही है। पिछले साल अक्टूबर माह में सुप्रीम कोर्ट ने अनिल शर्मा को जमानत दे दी थी।
सीबीआई ने अपनी जांच में कहा कि शरद चंद्रा की हत्या से पहले भी उन्हें निशाना बनाया गया था क्योंकि उन्होंने स्कूल के मैनेजमेंट पर सवाल खड़ा किया था। उन्होंने शिकायत की थी कि संस्थान को गलत तरीके से चलाया जा रहा है। सीबीआई ने कहा कि सचिव को लगातार धमकी दी जा रही थी, उनपर हमले हो रहे थे, उनके घर को निशाना बनाया गया और उन्हें गोली मार दी गई।