दिल्ली। राजधानी में नए साल से एक सप्ताह पहले की शराब की बिक्री को लेकर नये आंकड़े सामने आए हैं। इसके मुताबिक नए साल की पूर्व संध्या तक आने वाले सप्ताह में दिल्ली में रोजाना शराब की बिक्री में भारी बढ़ोतरी दिखाई दी।
आबकारी विभाग के जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 24 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच 218.33 करोड़ रुपये (लगभग 1 करोड़ बोतल) की शराब बेची गई। आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 के आखिरी दिन में सबसे अधिक 20 लाख बोतलों की बिक्री हुई थी। एक वरिष्ठ आबकारी अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि सामान्य दिनों में औसत बिक्री लगभग 11 लाख से 12.5 लाख बोतलें होती हैं।
उन्होंने कहा, “1 जनवरी को सरकारी दुकानों पर शराब की बिक्री भी अधिक रही क्योंकि साल के पहले दिन 17 लाख बोतलें शराब बिकी थीं।” महीने की प्रतिदिन की औसत बिक्री (बोतलों में) भी पिछले साल दिसंबर की तुलना में मामूली बढ़ोतरी देखी गई थी। हालांकि नवंबर में शराब की बिक्री पिछले साल की तुलना में घटी थी। दिसंबर में लगभग 13.77 लाख बोतलें प्रति दिन बेची गईं, जबकि पिछले वर्षों (2019-2021) में यह 12.55-12.95 लाख बोतलों के बीच थी।
वहीं दिल्ली के आबकारी विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली सरकार ने सितंबर से दिसंबर तक पुरानी आबकारी नीति (2020-21) को वापस लाने के चार महीने के भीतर एक्साइज ड्यूटी और वैट से 2,515 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाया है। भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद इसे खत्म करने से पहले 2021-22 की आबकारी नीति पिछले साल अगस्त तक लागू थी। अब रद्द की गई नीति के तहत चार महीनों, मई से अगस्त तक, लगभग 1,840 करोड़ रुपये का रेवेन्यू इकट्ठा किया गया है।
Excise Officer ने बतायी बिक्री में गिरावट की वजह
एक वरिष्ठ आबकारी अधिकारी ने बताया, “रेवेन्यू में कोई गिरावट नहीं है। अंतर सिर्फ इतना है कि पुरानी आबकारी नीति सितंबर में शुरू की गई थी, इसलिए इकट्ठा किए गए कुल रेवेन्यू में से लगभग 150 करोड़ रुपये लाइसेंस शुल्क, ब्रांड रजिस्ट्रेशन, निगम लाइसेंस के रिन्यू करवाने के माध्यम से कमाए गए थे। इसके अलावा, एक्साइज ड्यूटी डिटक्शन सोर्स पर रेवेन्यू लगाया जाता है, जहां आयात, निर्यात, पैकेजिंग, डिस्ट्रीब्यूशन आदि होता है … इसलिए बिक्री में गिरावट आई है।”