नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कांग्रेस के एक सांसद की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि अगर किसी ने अपनी जाति या धर्म की चर्चा की तो उनके खिलाफ वो कार्रवाई करेंगे।
प्रश्नकाल के दौरान स्पीकर ने कांग्रेस सांसद रेवंत रेड्डी का नाम लिया तो वो प्रश्न पूछने खड़े हुए। उन्होंने कहा कि आज सरकार को कुर्सी बचाने की चिंता है, गिरते रुपये को रोकने की कोई चिंता नहीं है, कोई ऐक्शन प्लान नहीं है। जब डॉलर के मुकाबले रुपया 66 पर था, तब वह आईसीयू में चला गया। वित्त मंत्री के उत्तर के मुताबिक, आज रुपया 83 रुपये 20 पैसे है। आईसीयू से दो रास्ते हैं सर। एक रास्ता ठीक होकर घर की तरफ है और दूसरा मुर्दा घर की तरफ। तो ये 83 रुपये 20 पैसा कीमत है डॉलर का तो ये सीधा-सीधा मॉर्चरी में ही चला जा रहा है। इसीलिए मैं ये पूछना चार रहा हूं वित्त मंत्री से कि रुपये को आईसीयू से घर लाने का कोई ऐक्शन प्लान है क्या। इसलिए मेरा और नरेंद्र मोदी जी का एक ही सवाल है।
इसके जवाब में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि माननीय सदस्य जो तेलंगाना से आते हैं। वो कमजोर हिंदी बोल रहे हैं, मेरी हिंदी भी कमजोर है। कमजोर हिंदी से ही कमजोर हिंदी का जवाब देती हूं। अगर वो कोटेशन के साथ उस जमाने की इकॉनमी के बाकी सभी इंडिकेटर्स भी याद दिलाते। आईसीयू! पूरी इकॉनमी आईसीयू में थी। पूरी इकॉनमी आईसीयू में थी। सिर्फ रुपया नहीं, पूरी इकॉनमी आईसीयू में थी। उस समय इकॉनमी फ्रेजाइल फाइव (पांच सबसे कमजोर अर्थव्यवस्ता) में थी और उस वक्त हमारा फॉरेन रिजर्व (विदेशी मुद्रा भंडार) बिल्कुल नीचे थे। बहुत सारे लोगों को इसमें दिक्कत है सर।
निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि आज महामारी होने के बाद भी, रूस-यूक्रेन युद्ध हो उसके बाद भी, हमारी इकॉनमी सबसे तेजी से बढ़ती इकॉनमी है। फिर भी लोगों को जलन हो रही है। सर, इस सदन में दुख की बात है कि हमारी बढ़ती इकॉनमी से जलने वाले विदेशियों की तरह ही कुछ लोग इस सदन में भी बैठे हैं। जब देश अच्छा बढ़ रहा है तो सबको गौरव होना चाहिए ना कि मजाक उड़ाना चाहिए। ये मजाक उड़ाने की बात है। डॉलर पूरी दुनिया में मजबूत हो रही है। उसके खिलाफ भारत की इकॉनमी खड़ी हो रही है, इसका आनंद लेना चाहिए ना कि ऐसे मजाक की बात हो। शर्म होनी चाहिए।
वित्तमंत्री के इस जवाब पर कांग्रेस सांसद ने बिल्कुल नया मोड़ दे दिया। रेड्डी ने कहा कि वित्त मंत्री ने मेरी भाषा के बारे में टिप्पणी की है, यह ठीक नहीं है। मैं शूद्र हूं, मुझे अच्छी हिंदी नहीं आती होगी। वो ब्राह्मवादी होंगी, उनकी भाषा अच्छी होगी। कोई समस्या नहीं है। यहां पर चर्चा हो रही है अर्थव्यवस्थे के बारे में।
इसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सदन में कोई भी सदस्य अपनी जाति और धर्म की चर्चा नहीं करेगा। उन्होंने कहा, ‘माननीय सदस्यगण, मैं पुनः आपसे आग्रह करता हूं- ये प्रश्नकाल है। माननीय सदस्य ने कहा- इस जाति से आता हूं, इस धर्म से आता हूं। आप सदन के अंदर न जाति के आधार पर, न धर्म के आधार पर चुनकर आते हैं। कभी भी ऐसे शब्दों का उपयोग नहीं करे कोई भी, नहीं तो ऐसे सदस्य के खिलाफ कार्रवाई भी करनी पड़ेगी। आप सदन में बोलते हुए धर्म और जाति की चर्चा कभी नहीं करेंगे।’