World Soil Day 2022: मृदा दिवस पर जाने कैसे रखें मिट्टी का ख्याल

हर साल 5 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व मृदा दिवस मनाया जाता है, इसका मुख्य मकसद लोगों को स्वस्थ मिट्टी के महत्व के बारे में जागरूक करना है। जिस तरह हम पानी के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते, उतना ही महत्व हमारे लिए मृदा (मिट्टी) का भी है। विशेषकर भारत जैसे देश के लिए इसका महत्व कहीं ज्यादा बढ़ जाता है, क्योंकि हमारी आय 80 प्रतिशत कृषि उत्पादों पर निर्भर करता है।

मिट्टी के लिए जश्न मनाने की विश्व स्तर पर शुरुआत दिसंबर 2013 से हुई। जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 68वीं सामान्य सभा की बैठक के दौरान 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाने का फैसला लिया। इसके लिए एक संकल्प भी पारित किया गया। हालांकि इस दिन को मनाने की सिफारिश साल 2002 से ही शुरू हो गई थी। जब अंतरराष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ ने पहली बार 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाने की सिफारिश की। बाद में सर्वसम्मति से 2013 में इस दिन को आधिकारिक तौर पर मनाए जाने की घोषणा कर दी गई। एक साल बाद 5 दिसंबर 2014 को पहली बार पूरे विश्व में मृदा दिवस मनाया गया।

विश्व मृदा दिवस 2022 की थीम
खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के मुताबिक इस बार विश्व मृदा दिवस 2022 की थीम “मिट्टी: जहां भोजन शुरू होता है” (Soils: where food begins) है। तो वहीं पिछली साल World Soil Day 2021 की Theme ‘Halt soil salinization, Boost soil productivity‘ (मृदा लवणीकरण को रोकें, मृदा उत्पादकता को बढ़ावा दें) थी। जिसका उद्देश्य मृदा प्रबंधन में बढ़ती चुनौतियों का समाधान करते हुए, मिट्टी के लवणीकरण से लड़ना है। इससे पहले 2020 का विषय: Keep soil alive, protect soil biodiversity‘ (मिट्टी को जीवित रखें, मिट्टी की जैव विविधता की रक्षा करें) था।

मिट्टी बचाने के उपाय

इसी साल 05 जून 2022 को पर्यावरण दिवस के मौके पर दिल्ली में ‘मिट्टी बचाओ आंदोलन’ नाम से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिट्टी के बचाव पर कई अहम बातें कही थीं।अपनी बातों में उन्होंने उन पांच बातों के बारे में बताया जिनपर भारत सरकार फोकस कर रही है, जो इस प्रकार हैं-

क्यों मनाना जरूरी है मिट्टी दिवस?
मिट्टी जीवन के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भोजन, कपड़े, आश्रय और दवा समेत जीवन के चार प्रमुख साधनों का स्रोत है इसलिए मिट्टी का संरक्षण जरूरी है। इसके अलावा मिट्टी विभिन्न अनुपातों में खनिजों, कार्बनिक पदार्थों और वायु से बनी होती है। यह जीवन के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक पौधे के विकास के लिए माध्यम, कई कीड़ों और अन्य जीवों का घर है। यह सतह के पानी के लिए और वायुमंडलीय गैसों के रखरखाव में एक निस्पंदन प्रणाली के रूप में भी काम करती है लेकिन पिछले लंबे समय से भारत ही नहीं दुनिया भर में विकास के नाम पर जिस तरह अंधाधुंध पेड़ों की कटाई हो रही है, उससे हमारी मिट्टी लगातार कमजोर होती जा रही है। गौरतलब है कि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से पेड़ों की संख्या तो कम हो ही रही है, साथ ही पेड़ों की जड़ें जो मिट्टी को बांधकर रखती हैं, पेड़ों के कम होने से जड़ विहीन मिट्टी बाढ़, तेज बारिश, या तूफानी हवाओं से प्राकृतिक आपदाएं अकसर खतरनाक रूप ले लेती हैं, और अपने साथ उपजाऊ मिट्टी बहा ले जाती हैं।

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