नई दिल्ली। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल पर 1338 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। गूगल पर सीसीआई द्वारा यह कार्रवाई एंड्रॉयड मोबाइल उपकरण क्षेत्र में कई बाजार में अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग करने को लेकर की गई है।
सीसीआई की ओर से कहा गया है कि, गूगल अपनी अनुचित कारोबारी गतिविधियों को रोके और एक तय समय सीमा में कोई समाधान निकाले। सीसीआई ने प्रमुख इंटरनेट कंपनी को अनुचित कारोबारी गतिविधियों को रोकने और बंद करने का निर्देश दिया है। आयोग ने गुरुवार को कहा कि गूगल को एक निर्धारित समय-सीमा के भीतर अपने कामकाज के तरीके को संशोधित करने का निर्देश भी दिया गया है। सीसीआई द्वारा आदेशित दो साल की जांच में पाया गया कि गूगल इंडिया सर्च, ब्राउज़र, ऐप लाइब्रेरी और अन्य प्रमुख सेवाओं में अपना प्रभुत्व बनाए रखने के लिए बाजार में मजबूत स्थिति का दुरुपयोग करने दोषी है।
सीसीआई ने अप्रैल 2019 में देश में एंड्रॉयड आधारित स्मार्टफोन के उपभोक्ताओं की शिकायतों के बाद मामले की विस्तृत जांच का आदेश दिया था। इसके अलावा हाल ही में संसदीय समिति ने भारत में एप्पल, गूगल, एमेजॉन, नेटफ्लिक्स और माइक्रोसॉफ्ट के शीर्ष भारतीय अधिकारी को डिजिटल क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा विरोधी गतिविधियों की जांच के लिए नोटिस जारी किया था।
सीसीआई ने अपने बयान में साफ तौर पर कहा कि एमएडीए ने आश्वासन दिया है कि सर्च एप, विजेट और क्रोम ब्राउजर एंड्रॉइड डिवाइस पर पहले से इंस्टॉल हैं, जिसने अपने प्रतिस्पर्धियों पर गूगल की सर्च सर्विस को महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त प्रदान की है। नियामक ने कहा कि अनुचित कारोबारी गतिविधियों को रोकने का आदेश जारी करने के अलावा एंड्रॉयड मोबाइल उपकरण पारिस्थितिकी तंत्र में कई बाजारों में अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग करने को लेकर गूगल पर 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
सीसीआई ने कहा कि एमएडीए के तहत गूगल मोबाइल सूट (जीएमएस) को अनिवार्य रूप से पहले से इंस्टॉल करना उपकरण निर्माताओं पर अनुचित स्थिति थोपने के बराबर है, और इस तरह यह प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन करता है।