दिसापुर। राष्ट्रपति चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक दलों के बीच तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। एनडीए की ओर से द्रौपदी मुर्मू मैदान में हैं और विपक्ष की ओर से यशवंत सिन्हा उम्मीदवार हैं। ऐसे में सिन्हा ने बुधवार को कहा कि अगर वह राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो वह सुनिश्चित करेंगे कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू न हो।
यशवंत सिन्हा 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव के मद्देनजर असम के विधायकों और सांसदों का समर्थन हासिल करने के लिए इस समय राज्य के दौरे पर आए हुए हैं।उन्होंने बातचीत करते हुए कहा कि यशवंत सिंहा ने कहा, ‘असम के लिए नागरिकता एक बड़ा मुद्दा है और सरकार पूरे देश में अधिनियम लाना चाहती थी, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं कर पाई है।’ उन्होंने कहा, ‘पहले सरकार ने COVID का बहाना दिया, लेकिन अब भी वे इसे लागू नहीं कर पाए हैं क्योंकि यह अधिनियम जल्दबाजी में मूर्खतापूर्ण तरीके से तैयार किया गया है।
सिन्हा ने आरोप लगाया कि संविधान किसी बाहरी ताकत से नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों से खतरे में है। उन्होंने कहा, हमें इसकी रक्षा करनी होगी। अगर मैं राष्ट्रपति भवन में हूं, तो मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि सीएए लागू न हो।
इससे पहले सिन्हा ने मंगलवार को कहा था कि देश को ‘मौन राष्ट्रपति’ की नहीं, बल्कि ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता है जो अपने नैतिक मूल्यों और विवेक का इस्तेमाल करें। सिन्हा ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि अगर वह चुने जाते हैं तो वह प्रवर्तन निदेशालय (ED), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को रोकेंगे। सिन्हा ने कहा कि उन्होंने प्रशासन और सार्वजनिक जीवन में 60 साल बिताए हैं। उन्होंने कहा, “इन 60 वर्षों में, मैंने कभी भी सरकारी एजेंसियों का इतना आतंक नहीं देखा, जितना मैं अभी देख रहा हूं।”