होटल और रेस्टोरेंट नहीं वसूल सकेंगे सर्विस चार्ज, सीसीपीए ने जारी की गाइडलाइन

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नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने सोमवार को अनुचित व्यापार प्रथाओं को रोकने और होटल और रेस्‍टोरेंट में सर्विस चार्ज लगाने के संबंध में उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए दिशानिर्देश जारी किए। निर्देशों के अनुसार अब से कोई भी रेस्त्रां अपने उपभोक्ताओं को सेवा देने के बदले सर्विस चार्ज नहीं वसूल सकते हैं। गाइडलाइंस के तहत उपभोक्ता 1915 नंबर पर कॉल करके होटल और रेस्टोरेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

देश के अधिकतर होटल और रेस्त्रां अपने ग्राहकों से सर्विस चार्ज वसूलते हैं। खाने के बिल का 5 फीसदी से 15 फीसदी तक सर्विस चार्ज वसूला जाता है। यह चार्ज 5 फीसदी जीएसटी (होटल के अंदर वाले रेस्त्रां में 18 फीसदी जीएसटी) के अलावा लगता है। ऐसे में ग्राहक पर जीएसटी के अतिरिक्त सर्विस चार्ज का बोझ पड़ता है। यही वजह है कि अधिकतर रेस्टोरेंट में सर्विस चार्ज वसूले जाने की बात इसकी दर के साथ मेन्यू में या फिर रेस्टोरेंट के मेन गेट पर ही लिख दिया जाता है।

अब कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री की होटल और रेस्टोरेंट्स को सर्विस चार्ज वसूलने से रोकने के लिए निर्देश जारी कर दिया गया है। अब सरकार ने साफ कर दिया है कि सर्विस चार्ज गैरकानूनी है। वहीं रेस्टोरेंट एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि सर्विस चार्ज गैर-कानूनी नहीं है। इस परिस्थिति को देखते हुए अब सीसीपीए की की ओर से नई गाइडलाइंस जारी की गई है।

अगर कोई ग्राहक अपने बिल में सर्विस चार्ज लगा हुआ देखता है, तो उसके पास चार विकल्प है। पहला सबसे पहले वह होटल और रेस्‍टोरेंट से सर्विस चार्ज हटाने को लेकर अनुरोध कर सकता है। दूसरा, वह राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) पर शिकायत दर्ज करा सकता है, बता दें, इसके लिए आपको 1915 नंबर पर कॉल करना होगा। तीसरा विकल्प है कि ग्राहक सीधे जाकर उपभोक्ता आयोग के पोर्टल (edaakhil) पर जाकर शिकायत दर्ज करा सकता है। चौथा विकल्प है कि वह सीसीपीए की ओर से जांच के लिए जिला कलेक्टर के पास शिकायत दर्ज करा सकता है या फिर वह सीधे सीसीपीए को सीधे मेल के जरिए अपनी शिकायत भेज सकता है।

कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल ने कहा कि रेस्टोरेंट किसी के बिल में जबरदस्ती सर्विस चार्ज नहीं लगा सकते हैं। उन्होंने कहा है कि सर्विस चार्ज ग्राहकों के लिए वैकल्पिक है। उन्होंने कहा कि अगर रेस्टोरेंट को लगता है कि कर्मचारियों को कुछ सुविधाएं दी जानी चाहिए तो इसे ग्राहकों पर थोपा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि रेस्टोरेंट यह नहीं कह सकते कि सर्विस चार्ज पर रोक लगाने से उन्हें नुकसान होगा। रेस्टोरेंट इसके बजाय कीमतें बढ़ा सकते हैं या हाइक दे सकते हैं।

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