नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अन्य राजनेताओं और अधिकारियों सहित 63 अन्य के खिलाफ कांग्रेस नेता एहसान जाफरी की विधवा जाकिया जाफरी की अपील को खारिज कर दिया। जाफरी ने याचिका डाली थी कि वह चाहती थी कि दंगों के पीछे “बड़ी साजिश” की जांच हो। पीएम मोदी को मिली क्लीन चिट पर भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी दलों की चुटकी ली है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पीएम मोदी के पीछे लैफ्ट गैंग पड़ा था।
शुक्रवार को तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि अपील तथ्यहीन है। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट और बाद में हाई कोर्ट के फैसला फिर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल एसआईटी में पीएम मोदी और अन्य को क्लीन चिट दी चुकी है।
शीर्ष अदालत ने एसआईटी की प्रशंसा की और अपीलकर्ता को “जांचकर्ताओं की ईमानदारी पर सवाल उठाने के लिए” के लिए फटकार लगाई। अदालत ने “गुजरात के कुछ असंतुष्ट अधिकारियों और अन्य लोगों के बारे में भी बात की जो झूठे खुलासे करके सनसनी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। पीठ ने कहा है कि इस तरह की “प्रक्रिया के दुरुपयोग में शामिल लोगों को कटघरे में खड़ा होने और कानून का सामना करने की जरूरत है”।
लैफ्ट गैंग पड़ी पीछे
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पीएम मोदी को कोर्ट और जनता से क्लीन चिट मिल चुकी है। गुजरात दंगे को राजनीतिक चश्मे से देखने की कोशिश की गई। एसआईटी से पीएम मोदी को क्लीन चिट मिल चुकी है और सुप्रीम कोर्ट ने भी एसआईटी की जांच की सराहना की है। जाकिया जाफरी की अपील में दम नहीं था, इसे सुप्रीम कोर्ट ने भी माना। दरअसल, पीएम के पीछे लैफ्ट गैंग पड़ा था।