नई दिल्ली। कोरोना महामारी से बचाव के लिए बनाई गई वैक्सिन भारत के साथ-साथ अन्य देशों के लिए संजीवनी साबित हुई है। इस वैक्सीन ने भारत में जहां 42 लाख से अधिक लोगों की जान बचाई है वहीं पूरी दुनिया में दो करोड़ से अधिक लोगों को मौत के मुंह में जाने से रोका है।
Lancet study जर्नल के दिसंबर 2020 से दिसंबर 2021 तक के आंकड़ों में यह बात सामने आई है। शोधकर्ताओं ने कहा कि दुनिया में कोरोना से 3.14 करोड़ मौतों का अनुमान लगाया गया था लेकिन टीकाकरण की वजह 1.98 करोड़ की जान बचाई गई। अध्ययन का अनुमान है कि अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन के 2021 के अंत तक दो या अधिक खुराक के साथ प्रत्येक देश में 40 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण करने का लक्ष्य पूरा किया गया होता तो और 5,99,300 लोगों की जान बचाई जा सकती थी।
भारत पर बड़ा खतरा था लेकिन टीकाकरण ने टाल दिया: ओलिवर वाटसन
अध्ययन के प्रमुख लेखक ओलिवर वाटसन ने कहा कि भारत के लिए, हमारा अनुमान है कि इस अवधि में टीकाकरण से 42 लाख से अधिक मौतों को रोका गया। इस मॉडलिंग अध्ययन से पता चलता है कि भारत में टीकाकरण अभियान ने लाखों लोगों की जान बचाई है। यह टीकाकरण के उल्लेखनीय प्रभाव को दर्शाता है, विशेष रूप से भारत में, जो डेल्टा संस्करण के प्रभाव का अनुभव करने वाला पहला देश था।
भारत में 51 लाख से अधिक लोगों की मौत का अनुमान लगाया गया था
लैंसेट स्टडी के अध्ययन के अनुसार भारत में कोरोना महामारी के दौरान 51 लाख से अधिक लोगों की मौत का अनुमान लगाया गया था लेकिन कोरोना टीकाकरण की वजह से लाखों लोगों की जान बचाई गईं। बता दें कि महामारी की शुरुआत से अब तक भारत में 5,24,941 मौतें दर्ज की गई हैं। यानी कहा जाए तो टीकाकरण बहुत ही प्रभावी साबित हुआ जिससे कि 10 गुना कम लोगों की मौत हुई।