उद्धव ग्रुप ने डिप्टी स्पीकर से कहा-12 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द हो

मुंबई। उद्धव ठाकरे की शिवसेना और गुवाहाटी में बैठे शिवसेना के बागी विधायकों के बीच मान मनौव्वल के साथ—साथ आरोप प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। शिवसेना ने महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर को लेटर लिखा। इस लेटर के माध्यम से विधायक दल की बैठक में शामिल न होने वाले बागी विधायकों के खिलाफ संविधान के अनुसार कार्रवाई की मांग की है। वहीं शिंदे गुट की ओर से भी डिप्टी स्पीकर को एक लेटर लिखा गया। इस लेटर में कहा गया कि उद्धव उन्हें कानून न सिखाएं। कानून उन्हें भी आता है। हम बाला साहेब के अनुयायी हैं। हमें मालूम है कि विधायक दल की बैठक में व्हिप जानी नहीं होता है, केवल विधानसभा के लिए पार्टी व्हिप जारी कर सकती है।

शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद महाराष्‍ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं। शिवसेना नेता अजय चौधरी, जिन्हें एकनाथ शिंदे की जगह विधायक दल का नया नेता बनाया गया है, उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर को पत्र लिखा और विधायक दल की बैठक में शामिल न होने पर गुवाहाटी में डेरा डाले शिंदे गुट के बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसी बीच शिवसेना विधायकों का वाया सूरत गुवाहाटी के रैडिसन होटल पहुंचने का सिलसिला कल जारी रहा। वहीं दो निर्दलीय विधायक भी गुवाहाटी पहुंच गए। अजय चौधरी के पत्र के बाद ​एकनाथ शिंदे की ओर से भी जवाबी लेटर महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर को लिखा गया।

शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने मुंबई में बताया कि उद्धव गुट ने डिप्टी स्पीकर के समक्ष याचिका दायर की है और मांग की है कि 12 बागी विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद्द की जाए। क्योंकि वे विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। बैठक से पहले बाकायदा नोटिस जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि यदि गुवाहाटी गए विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए तो उनके खिलाफ संविधान सम्मत कार्रवाई की जाएगी। इस पर कुछ विधायक नहीं आए, तो कुछ ने बेवजह कारण बताए।

शिवसेना विधायक दल के नेता अजय चौधरी के लेटर के जवाब में शिंदे गुट की ओर से भी जवाबी लेटर डिप्टी स्पीकर को लिखा गया। शिवसेना के 37 बागी विधायकों ने डिप्टी स्पीकर को लेटर लिखा। इस लेटर के माध्यम से घोषणा कि है कि को पत्र लिखकर घोषणा की है कि एकनाथ शिंदे ही सदन में उनके नेता बने रहेंगे। वही आज भी पार्टी विधायक दल के नेता हैं। साथ ही लेटर में यह भी लिखा गया कि भरतशेत गोगावाले को मुख्य सचेतक के रूप में नियुक्ति दी जाए। इस लेटर में 37 विधायकों की साइन हैं।

इन विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग
एकनाथ शिंदे, प्रकाश सुर्वे, तानाजी सावंतो, महेश शिंदे, अब्दुल सत्तारी, संदीप भुमरे, भरत गोगावाले, संजय शिरसातो, यामिनी यादव, अनिल बाबरी, बालाजी देवदास, लता चौधरी।

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