समलैंगिक आदिला और फातिमा ने जीती प्यार की जंग, कोर्ट ने दी साथ रहने की अनुमति

केरल हाई कोर्ट ने दो लड़की के समलैंगिक रिश्ते पर एक बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने आदिला द्वारा दायर हैबियस कापर्स याचिका पर समलैंगिक प्रेमी जोड़े आदिला नसरीन (22 साल) और फातिमा नूरा (23 साल) को एक साथ रहने की अनुमति दे दी। दोनों अब खुलकर जिंदगी जी सकेंगे। दोनों ने कहा कि अभी भी हमें अपने परिवार से डर लग रहा है।

आदिला नसरीन ने कहा, यह कठिन था और हमें भावनात्मक रूप से थका दिया। हमें एलजीबीटीक्यू (LGBTQ) समुदाय के लोगों का भरपूर समर्थन मिला। केरल हाई कोर्ट के आदेश से हम खुश और स्वतंत्र हैं। दरअसल, हम पूरी तरह आजाद नहीं हैं क्योंकि हमारे परिवार अब भी हमें धमका रहे हैं।

दंपती को परिवारों द्वारा जबरन अलग कर दिया गया था और फातिमा नूरा को कथित रूप से धर्मांतरण चिकित्सा के लिए मजबूर किया गया था। आदिला नसरीन द्वारा केरल उच्च न्यायालय के समक्ष एक बंदी प्रत्यक्षीकरण दायर की गई थी।

इसके बाद बिनानीपुरम पुलिस द्वारा अदालत के समक्ष फातिमा नूरा को लाया गया था। एक छोटी सुनवाई में न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और सी. जयचंद्रन की पीठ ने समलैंगिक जोड़े से सीधे बात करते हुए उनसे पूछा कि क्या वे एक साथ रहना चाहते हैं। दोनों ने हां में जवाब दिया जिसके बाद कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया।

एक न्यूज चैनल से बात करते हुए आदिला ने फातिमा नूरा के साथ अपने संबंधों के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि कैसे उन्हें साथ रहने की इच्छा के कारण बहिष्कार और मौत की धमकी का सामना करना पड़ा है। आदिला ने यह भी आरोप लगाया कि उसकी प्रेमिका की मां ने उसके खिलाफ अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी जब दोनों वनजा कलेक्टिव में शरण लेने के लिए भाग गए थे।

आदिला ने अदालत से कहा कि हम एक समलैंगिक जोड़े हैं और हम स्कूल के दिनों में साथ आ गए थे। हमारे माता-पिता ने हमारे रिश्ते को पकड़ लिया लेकिन हमने झूठ बोला और फिर भी अपने रिश्ते को जारी रखा।

अपनी डिग्री पूरी करने और नौकरी पाने के बाद हमने अपना घर छोड़ दिया और चीजें उल्टी होने लगीं। मेरी माता-पिता ने हमारी जिम्मेदारी ली लेकिन वे हमारे साथ खेल रहे थे।

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