गलवान के नायक शहीद दीपक सिंह की पत्नी बनेंगी लेफ्टिनेंट

रीवा। लद्दाख की गलवान घाटी में जून 2020 में चीनी सेना के मंसूबों को विफल करने वाली सैन्य टुकड़ी में शामिल रहे शहीद नायक दीपक सिंह की पत्नी भी पति के नक्शे कदम पर अग्रसर हैं। वह सेना में बतौर लेफ्टिनेंट सेवाएं देंगी।

मध्य प्रदेश के रीवा की रहने वाली 23 वर्षीय रेखा सिंह ने अपने पति की शहादत के बाद उनके ही पद चिन्हों पर चलने का फैसला करते हुए सेना में भर्ती होने की ठान ली थी। नायक दीपक सिंह देश के उन 20 जांबाज सेनानियों में शामिल थे, जिन्होंने देश की आन बान शान के लिए गलवान घाटी में अपनी कुर्बानी दी थी। शहादत से पहले इन जांबाजों ने दुश्मन की सेना के दांत खट्टे कर दिए थे। 1962 की जंग के बाद चीन के साथ गलवान घाटी में हुए पहले बड़े सीमा संघर्ष में उसकी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा था।

चेन्नई स्थित ओटीए में चल रहा प्रशिक्षण
रेखा सिंह फिलहाल चेन्नई स्थित आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) में प्रशिक्षण ले रही हैं। इसी साल फरवरी में उन्होंने सर्विसेस सिलेक्शन बोर्ड (SSB) के साक्षात्कार में कामयाबी हासिल कर ली थी। नायक दीपक सिंह बिहार रेजीमेंट की 16 वीं बटालियन के नायक थे। उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र प्रदान किया गया था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नवंबर 2021 में रेखा सिंह को यह सम्मान प्रदान किया था। वीर चक्र सेना का तीसरा बड़ा सम्मान है। सर्वोच्च सैन्य सम्मान परम वीर चक्र तो दूसरा सम्मान महावीर चक्र कहलाता है।

शॉर्ट सर्विस कमीशन के तौर पर सेवाएं देंगी
रेखा सिंह सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) पर सेवाएं देंगी। इसके पहले ओटीए में उनका नौ माह तक प्रशिक्षण चलेगा। सेना में अब महिला अधिकारियों को अब स्थाई कमीशन की भी इजाजत मिल चुकी है। शहीद सैन्य अधिकारियों की पत्नियों में सेना में भर्ती का रुझान बढ़ रहा है। रेखा सिंह इस कड़ी को और आगे बढ़ाएंगी।

15 जून 2020 को हुआ था गलवान संघर्ष
15 जून 2020 को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच सैन्य संघर्ष हुआ था। इसके पहले एक मई 2020 को दोनों देशों के सैनिकों के बीच पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी तट पर झड़प हुई थी। गलवान संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे, वहीं, चीन ने यह नहीं बताया था कि उसके कितने सैनिकों की मौत हुई। हालांकि, इसके बाद फरवरी 2021 में चीन ने गलवान घाटी झड़प में मरने वाले अपने चार सैनिकों को मरणोपरांत मेडल देने की घोषणा की। अपुष्ट सूत्रों ने चीनी सैनिकों की मृतक संख्या 50 से ज्यादा बताई थी।

Exit mobile version