गाजियाबाद: 250 एटीएम हैक कर 30 करोड़ रुपये गायब करने वाला गिरोह गिरफ्तार

गाजियाबाद। इंदिरापुरम और साइबर सेल टीम ने एटीएम हैकर गिरोह के पांच शातिर बदमाशों को पकड़ा है। इस गिरोह 12 साल में 8 राज्यों के 250 एटीएम हैक कर करीब 30 करोड़ रुपये चोरी कर चुका है। चार फरार सदस्यों की तलाश की जा रही है। वहीं इस गिरोह को रिश्वत लेकर छोड़ने के आरोप में नोएडा पुलिस के इंस्पेक्टर शावेज खान और सिपाही अंबरीश यादव को बर्खास्त कर दिया गया है। इसके अलावा नोएडा कमिश्नरेट की पूरी स्वाट टीम को भंग कर दिया गया है।

13 जुलाई को इंदिरापुरम के न्याय खंड-एक स्थित एक्सिस बैंक के एटीएम को हैक करके करीब सात लाख रुपये की निकासी हुई थी। हिताची पेमेंट सर्विस के प्रबंधक हयात अली की शिकायत पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके जांच शुरू की गई। स्थानीय पुलिस के साथ साइबर सेल की टीम भी लगाई गई। मंगलवार को मंगल चौक के पास इस वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह के सरगना सहित पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी पहचान ठाकुरगंज किशनगंज बिहार के शाहनवाज, मंडोली दिल्ली के सगीर, मुस्तफाबाद दिल्ली के मेहराज, गोकुलपुरी दिल्ली के मुहम्मद उमर और प्रेम नगर ‌र्क्ली नाका मुंबई के जमीर शेख के रूप में हुई। उनके चार साथी कमल, शहजाद, जैद व वाजिद फरार हैं।

साइबर सेल प्रभारी पुलिस उपाधीक्षक अभय कुमार मिश्र ने बताया कि बीसीए पास शाहनवाज गिरोह का सरगना है। बीसीए की ही पढ़ाई कर चुके कमल को मिलाकर उसने एटीएम हैक करके रुपये निकालने का गिरोह बनाया। शाहनवाज, कमल और 11वीं पास जमीर एटीएम की विडो को पैन ड्राइव लगाकर जैकपाट आइएसओ साफ्टवेयर डालकर हैक कर लेते थे। विकर एप्लीकेशन का उपयोग करके कोडिग करते थे। एटीएम में मेहराज, शहजाद, जैद, मुहम्मद उमर, वाजिद व सगीर को भेजते थे। उन्हें कोडिग देकर एटीएम से सारा रुपये निकलवा लेते थे। एटीएम हैक करने के लिए आनलाइन शापिग साइट से उपकरण, चाबी आदि खरीदते थे।

इस गिरोह का सदस्य सगीर शातिर वाहन चोर है। वह वर्ष-2009 से वाहन चोरी कर रहा है। उसने करीब पांच सौ वाहन चोरी किए हैं। उसके खिलाफ 30 मुकदमे दर्ज हैं। वह गिरोह को कार चोरी करके देता था। उसी कार से सभी वारदात को अंजाम देते थे। साइबर सेल के नोडल अधिकारी और सीओ इंदिरापुरम अभय मिश्र ने बताया कि 2009 से सक्रिय गैंग दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल के अलावा उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, आगरा, कानपुर और मथुरा में करीब 250 वारदात कर चुका है। गाजियाबाद के नंदग्राम, इंदिरापुरम, विजयनगर, मोदीनगर और टीला मोड़ में हुई वारदातें इसी गैंग ने की थीं।

वहीं इस गिरोह को पूर्व में छोड़ने के एवज में गौतमबुद्ध नगर पुलिस पर 20 लाख रुपये व क्रेटा कार लेने का आरोप लगा है। पूछताछ करने पर आरोपियों ने बताया कि वह काफी समय से दिल्ली-एनसीआर समेत तमाम प्रदेशों के एटीएम को निशाना बना रहे हैं। तीन महीने पहले नोएडा पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया था, लेकिन छोड़ने के नाम पर सौदेबाजी करते हुए उनसे क्रेटा कार और 20 लाख रुपये लिए गए। आरोपियों का यह बयान सामने आते ही जिले के पुलिस अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों से संपर्क किया और पूरे मामले से अवगत कराया। लखनऊ से फोन घनघनाने के बाद नोएडा पुलिस में हलचल मच गई। फिलहाल इंस्पेक्टर शावेज खान और सिपाही अंबरीश यादव को बर्खास्त कर दिया गया है। इसके अलावा नोएडा कमिश्नरेट की पूरी स्वाट टीम को भंग कर दिया गया है।

नाइजीरियन गैंग से खरीदते थे सिम, ब्लॉक एटीएम कार्ड

गैंग के सदस्य साइबर ठगी करने वाले नाइजीरियन गैंग के संपर्क में भी थे। वह उनसे 2000 रुपये में फर्जी आईडी पर सिम और 1000 रुपये में ब्लॉक एटीएम खरीदते थे। एटीएम मशीन हैक करने के दौरान पुलिस के आने पर आरोपी ब्लॉक एटीएम दिखा देते थे कि मशीन काम नहीं कर रही है।

बरामद सामान

10 मोबाइल, एक सिम कार्ड, टाटा सफारी, फोर्ड इको स्पोर्ट, बुलेट, 16 एटीएम कार्ड, लैपटॉप-चार्जर, मुहर, पैनड्राइव, मैमोरी कार्ड, चार कार्ड रीडर, दो एनआरएफ, दो हार्ड डिस्क, दो रैम, वाईफाई की-बोर्ड, एटीएम स्कीमर, दो यूएसबी हब, दो यूएसबी, एक पी-1 डिस्प्ले सीडी ड्राइवर और एक हार्डडिस्क केबल बरामद हुई है।

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