चीन के खिलाफ बोलते हुए यूएन में बंद हुआ भारतीय राजनयिक प्रियंका सोहनी का माइक

नई दिल्ली। भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का कड़ा विरोध किया है। भारतीय राजनयिक जब चीन के इस विवादास्पद परियोजना के खिलाफ आपत्तियां दर्ज करवा रही थीं, तभी उनका माइक बंद हो गया। लेकिन जब प्रियंका ने दोबारा बोलना शुरू किया तो चीन को आईना दिखा दिया। इस दौरान भारतीय राजनयिक के सामने संयुक्त राष्ट्र के अवर महासचिव लियू झेनमिन बैठे थे। लियू चीन के पूर्व उप विदेश मंत्री रह चुके हैं।

भारतीय राजनयिक की माइक बंद होने की यह घटना चीन की मेजबानी में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सतत परिवहन सम्मेलन के दौरान हुई। इस सम्मेलन का आयोजन 14 से 16 अक्टूबर के बीच किया गया था। राजनयिक प्रियंका सोहनी यूएन में चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का विरोध कर रही थीं, इसी दौरान उनका माइक बंद हो गया। यहां तक कि अगले वक्ता का वीडियो स्क्रीन पर शुरू हो गया लेकिन इसे संयुक्त राष्ट्र अवर महासचिव लियू झेनमिन ने रोक दिया, जो चीन के पूर्व उप विदेश मंत्री हैं।

इसके बाद माइक को ठीक करने का काम शुरू हुआ और काफी मशक्कत के बाद उनके माइक को दुरुस्त किया गया। झेनमिन ने भारतीय राजनयिक और यहां भारतीय दूतावास में फर्स्ट सेक्रेटरी प्रियंका सोहनी से अपना भाषण जारी रखने का आग्रह किया। सम्मेलन कक्ष में ध्वनि प्रणाली बहाल हो जाने के बाद झेनमिन ने कहा, ‘प्रिय प्रतिभागियों, हमें खेद है। हम कुछ तकनीकी समस्याओं का सामना कर रहे थे और अगले स्पीकर का वीडियो शुरू कर दिया। इसके लिए मुझे खेद है और सोहनी से अपना भाषण बहाल करने को कहा।’ उन्होंने सोहनी से कहा, ‘आप भाग्यशाली हैं, आपका फिर से स्वागत है।’

सोहनी ने कहा, ‘हम भौतिक संपर्क बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आकांक्षा साझा करते हैं और हमारा मानना है कि यह समान और संतुलित तरीके से सभी के लिए व्यापक आर्थिक लाभ लेकर आएगा।’ उन्होंने कहा, ‘इस सम्मेलन में बीआरआई का कुछ जिक्र किया गया है। यहां मैं कहना चाहूंगी कि जहां तक चीन के बीआरआई की बात है, हम इससे असमान रूप से प्रभावित हुए हैं। तथाकथित चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) में इसे शामिल करना भारत की संप्रभुता में दखलंदाजी करता है।’

भारतीय राजनयिक ने कहा कि कोई भी देश ऐसी किसी पहल का समर्थन नहीं कर सकता जो संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर उसकी मूल चिंताओं की अनदेखी करता हो। सोहनी से कुछ वक्ताओं के पहले एक पाकिस्तानी राजनयिक ने बीआरआई और सीपीईसी के तारीफों के पुल बांधे तथा इसे क्षेत्र के लिए निर्णायक बताया।

बीआरआई का असल मकसद
बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वकांक्षी परियोजना है। बीआरआई का उद्देश्य चीन का प्रभाव बढ़ाना और दक्षिणपूर्ण एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्र, अफ्रीका और यूरोप को भूमि एवं समुद्री मार्ग के नेटवर्क से जोड़ना है। चीन बीआरआई के जरिए श्रीलंका, लाओस, पाकिस्तान समेत कई अफ्रीकी देशों को कर्ज देकर अपना आर्थिक गुलाम बना चुका है। हालांकि, चीन का असली मकसद इस परियोजना के जरिए दुनिया के वैश्विक ट्रेड रूट पर कब्जा करना है।

कौन हैं प्रियंका सोहनी?
प्रियंका सोहनी भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी हैं और चीन में भारतीय दूतावास की फर्स्ट सेक्रेटरी हैं। इनके ट्विटर प्रोफाइल के मुताबिक, किताबों, इतिहास, आर्ट, नेचर, टेक्नॉलजी और लॉ में इनकी रूचि है। इससे पहले न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की 76वीं सालाना बैठक के दौरान पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने आदतन वहां जाकर अपना कश्मीर राग अलापा और भारत की छवि को खराब करने का असफल प्रयास किया था। तब भारत की एक और बेटी स्नेहा दुबे ने राइट टू रिप्लाई का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तानी मंसूबों पर पानी फेर दिया था।

स्नेहा दुबे ने बेहद सख्त लहजे में भारत का पक्ष रखा और पाकिस्तान की पोल खोलकर रख दी थी। जिसके बाद पूरे देश में स्नेहा दुबे की तारीफ हुई। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने स्नेहा दुबे का वीडियो शेयर करके उनकी तारीफों को पुल बांधे थे।

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