नई दिल्ली/ढाका। बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने कई जगहों पर दुर्गा पूजा पंडालों में तोड़फोड़ की है। कई मूर्तियों को तोड़ा गया और पथराव हुआ। अल्पसंख्यक हिंदुओं को चोटें भी आई हैं। इसके बाद देश के कई जिलों में हालात तनावपूर्ण हैं। दंगे भड़कने से 3 लोगों के मारे जाने की भी खबर हैं। इस घटना पर भारत सरकार की ओर से पहली प्रतिक्रिया आई है।
भारत ने गुरुवार को दुर्गा पूजा के दौरान बांग्लादेश में हिंसा की खबरों को ‘परेशान करने वाला’ करार दिया और कहा कि भारतीय उच्चायोग वाणिज्य दूतावासों के साथ सरकार और स्थानीय अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है। एक प्रेस वार्ता में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि नई दिल्ली ने स्थिति पर नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश सरकार की त्वरित कार्रवाई पर ध्यान दिया है। हम इस बात को भी समझते हैं कि वहां दुर्गा पूजा त्योहार सरकारी एजेंसियों और बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के सहयोग की वजह से हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है।
बता दें कि चांदपुर के हाजीगंज उपजिला में दुर्गा पूजा समारोह के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा में पत्रकारों, पुलिस और आम लोगों सहित कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और 60 घायल हो गए। यह हिंसा उस समय हुई जब बुधवार को बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू दुर्गा पूजा उत्सव मना रहे थे। इससे पहले कोमिल्ला जिले में दुर्गा पूजा के पांडाल में पवित्र कुरान के अपमान की अफवाह फैलने पर धार्मिक चरमपंथियों के एक समूह ने हिंसा भड़का दी। इस हिंसा में कम से कम 50 लोग घायल हुए।
बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना ने कड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि कमिला में हिंदू मंदिरों और दुर्गा पूजा स्थलों पर हमलों में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। लोगों को दुर्गा पूजा की बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि कमिला में जो घटना हुई उसकी जांच की जा रही है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे किसी भी धर्म के हों।
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