सार
वैशाली से मोहननगर के बीच 5.17 किमी लंबा होगा पहला रोपवे प्रोजेक्ट डीपीआर ने तैयार किया है और सलाहकार फर्म ने इसका प्रजेंटेशन दिया है। माना जा रहा है कि इससे जाम के झाम से मुक्ति मिलेगी और मोहननगर से वैशाली मेट्रो स्टेशन तक सीधी पहुंच हो जाएगी।
विस्तार
वैशाली मेट्रो स्टेशन से मोहननगर चौराहे तक रोपवे चलेगा। 5.17 किमी लंबे रोपवे प्रोजेक्ट पर 487 करोड़ खर्च होंगे। रोपवे प्रोजेक्ट में वैशाली, वसुंधरा, साहिबाबाद और मोहननगर चार स्टेशन होंगे। प्रोजेक्ट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो गई है। सलाहकार फर्म की ओर से 15 दिनों में प्रोजेक्ट की फाइनल डीपीआर जीडीए को सौंप दी जाएगी। प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार कर रही सलाहकार फर्म ने बृहस्पतिवार को जीडीए में प्रजेंटेशन दिया।
जीडीए सभागार में दिए गए प्रजेंटेशन में सलाहकार फर्म ने उपाध्यक्ष कृष्णा करुणेश, सचिव बृजेश कुमार, मुख्य अभियंता एसके सिन्हा सहित अन्य अधिकारियों को प्रोजेक्ट की विस्तृत जानकारी दी गई। डीपीआर तैयार करने से पहले फर्म रूट पर ट्रैफिक सर्वे के साथ चार स्थानों पर मिट्टी का परीक्षण कर चुकी है। मिट्टी का सैंपल वैशाली मेट्रो स्टेशन, सब्जी मंडी के सामने, वसुंधरा लाल बत्ती चौराहा और मोहन नगर चौराहे से लिया गया था। अब सलाहकार फर्म की ओर से दो सप्ताह में डीपीआर सौंपने के बाद सबसे पहले फंडिंग पैटर्न पर मंथन होगा।
डीपीआर में दो फंडिंग पैटर्न का दिया गया सुझाव
रोपवे प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए सलाहकार फर्म ने दो फंडिंग पैटर्न का सुझाव दिया गया है। पहले फंडिंग पैटर्न में पीपीपी मॉडल के तहत प्रोजेक्ट में सबसे बड़ा भाग निवेशक और बाकी भाग केंद्र सरकार, राज्य सरकार या फिर प्राधिकरण का होगा। दूसरे फंडिंग पैटर्न में पूरे प्रोजेक्ट में सरकार की ओर से फंडिंग का सुझाव दिया गया है। इसी रूट पर पूर्व में तैयार मेट्रो प्रोजेक्ट की डीपीआर की स्थिति को देखते हुए दूसरे फंडिंग पैटर्न पर जीडीए का आगे बढ़ना संभव नहीं दिखाई दे रहा है। ऐसे में जीडीए अधिकारी पहले मिश्रित फंडिंग पैटर्न पर आगे बढ़ने की बात कह रहे हैं।
एफओबी के जरिए जोड़े जाएंगे दोनों मेट्रो स्टेशन
रोपवे प्रोजेक्ट का आखिरी स्टेशन मोहननगर चौराहा और वैशाली मेट्रो स्टेशन के पास होगा। फिर रोपवे के स्टेशनों को मेट्रो स्टेशन से कनेक्टिविटी देने के लिए फुटओवर ब्रिज का निर्माण होगा। जिससे रोपवे और मेट्रो स्टेशन आपस में जुड़ जाएंगे। मेट्रो के यात्री बिना किसी की बाधा के आ जा सकेंगे। दूसरी ओर पहले फंडिंग पैटर्न के तहत प्रोजेक्ट में निवेश करने वाली कंपनी को किराए से होने वाली आय में शेयर मिलेगा। जीडीए की योजना आय में से कम से कम शेयर मांगने वाले निवेशक को प्रोजेक्ट में शामिल करने की प्राथमिकता दी जाएगी।
जाम से राहत, भविष्य में साहिबाबाद बनेगा जंक्शन
रोपवे प्रोजेक्ट से शहर की कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी। साहिबाबाद में रोपवे के साथ रैपिड का स्टेशन भी प्रस्तावित है। ऐसे में रैपिड और रोपवे स्टेशन को फुटओवर ब्रिज के जरिए आपस में जोड़े जाने की योजना है। ऐसे में भविष्य में साहिबाबाद रोपवे स्टेशन एक जंक्शन बनेगा। रैपिड के यात्रियों को वैशाली मेट्रो स्टेशन जाने के लिए सड़क मार्ग का प्रयोग नहीं करना होगा। दूसरी ओर प्रोजेक्ट से लिंक रोड पर वाहनों का रहने वाला दबाव और कम हो जाएगा।
डीपीआर का अध्ययन कर कमियां की जाएंगी दूर
सलाहकार फर्म ने वैशाली से मोहननगर रोपवे प्रोजेक्ट की डीपीआर सौंप दी है। फर्म ने अपने प्रजेंटेशन में प्रोजेक्ट के हर पहलू के साथ फंडिंग पैटर्न की जानकारी दी है। डीपीआर को अध्ययन और त्रुटियों को दूर करने के लिए अभियंत्रण अनुभाग को सौंपा गया है। – कृष्णा करुणेश, उपाध्यक्ष, जीडीए
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