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तालिबान ने अफगानिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर कंधार पर कब्जा कर लिया है। न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (AP) के मुताबिक तालिबान अब तक 34 में से 12 प्रांतों पर अपनी हुकूमत कायम कर चुका है। कंधार पर तालिबान ने गुरुवार देर रात कब्जा किया।
तालिबान ने एक वीडियो भी रिलीज किया है, जिसमें कंधार के शहीद चौक पर पहुंचने का दावा किया गया है। तालिबान ने भास्कर से बातचीत में कई प्रमुख राजधानियों पर कब्जे का दावा किया है, लेकिन हम इन दावों की पुष्टि नहीं कर सकते। हालांकि तालिबान के लड़ाके गुरुवार को बहुत तेजी से आगे बढ़े हैं।
तालिबान अब तक कंधार, हेरात, गजनी, कुंदुज, तकहर, बदख्शन, समनगन, निमरुज, फराह, जब्जजान, बगलान और सर-ए-पुल प्रांतों पर कब्जा कर चुका है। बड़े शहरों में अब बस मजार-ए-शरीफ और काबुल ही तालिबान के कब्जे से बाहर हैं।
इधर भारत ने अफगानिस्तान में रह रहे भारतीयों की सुरक्षा को लेकर गुरुवार को एक बार फिर से एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा है कि उड़ानें बंद होने से पहले भारतीय वतन लौटने के तुरंत इंतजाम करें। भारतीय कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को वापस भेज दें। साथ ही कहा है कि कवरेज के लिए आए भारतीय पत्रकार भी सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम कर लें। इससे पहले भारतीय दूतावास ने 29 जून, 24 जुलाई और 10 अगस्त को भी एडवाइजरी जारी की थी।
काबुल में भारतीय दूतावास ने गुरुवार को बताया कि तालिबान के कब्जे वाले इलाके से तीन भारतीय इंजीनियर्स को एयरलिफ्ट किया गया है। भारत ने कहा है कि अफगानिस्तान में शांति चाहते हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि काबुल में भारतीय दूतावास बंद नहीं किया जाएगा। साथ ही कहा कि हालात पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।
अफगानिस्तान ने तालिबान को सत्ता में हिस्सेदारी का ऑफर दिया
तालिबान की मजबूत होती पकड़ के बीच अफगान सरकार ने हिंसा रोकने के लिए तालिबान से सत्ता में हिस्सेदारी की पेशकश की है। हालांकि तालिबान ने राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार से बातचीत से इनकार कर दिया। वहीं अफगानिस्तान के सुरक्षाबलों ने गजनी के गवर्नर दाउद लघमानी, डिप्टी गवर्नर और ऑफिस डायरेक्टर समेत कुछ अफसरों को पकड़ा है। उन्हें वरदक प्रांत से गिरफ्तार किया गया है।
अमेरिका ने तालिबान से कहा- हमारे दूतावास पर हमला न करें
अफगानिस्तान में तालिबान की पकड़ मजबूत होती जा रही है। इतनी मजबूत कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका को भी बातचीत करनी पड़ रही है। अमेरिका ने ये अनुमान लगाया था कि तालिबान को राजधानी काबुल पर कब्जा करने में 90 दिन का समय लगेगा। इतने दिनों में अमेरिका अपने नागरिकों को और अधिकारियों को देश से बाहर कर लेगा, लेकिन अमेरिका का यह अनुमान गलत निकला।
अमेरिका ने अपने नागरिकों को तुरंत अफगानिस्तान छोड़ने के लिए कहा है। सूत्रों के मुताबिक, अमेरिकी वार्ताकारों ने तालिबान से कहा है कि अगर वे राजधानी काबुल पर कब्जा कर लेते हैं तो उसके दूतावास पर हमला नहीं करें। साथ ही कहा है कि उसके नागरिकों और दूतावास के अफसरों को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाएं। तालिबान के साथ मुख्य अमेरिकी दूत जाल्मय खलीलजाद की अगुवाई में बातचीत हो रही है।
अमेरिका की पाक को चेतावनी- तालिबान को पनाह न दे
अमेरिका ने पाकिस्तान को चेताया है कि वह अफगान सीमा पर तालिबान के खिलाफ कार्रवाई करे। अपने इलाके में तालिबान को पनाह न लेने दे। इस पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि अमेरिका, अफगानिस्तान के खिलाफ लड़ाई में हमें सिर्फ इस्तेमाल करना चाहता है। साभार- दैनिक भास्कर
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