नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) दिल्ली के एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने अफगानिस्तान की छह महीने की गर्भवती महिला के अग्नाश्य के कैंसर का सफलतापूर्वक ऑपरेशन करके उसे नई जिंदगी दी है।
अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक, यह सर्जरी काफी जटिल थी, क्योंकि महिला गर्भवती है और उनके सीटी स्कैन जैसे कई परीक्षण नहीं किए जा सकते थे। इसका बच्चे पर दुष्प्रभाव पड़ने का अंदेशा था।
फोर्टिस अस्पताल ने बृहस्पतिवार को एक बयान में बताया कि दुनिया भर में चंद ही गर्भवती महिलाओं की अग्नाश्य के कैंसर की सर्जरी की गई है और शायद यह भारत की पहली ऐसी सर्जरी है।
वसंत कुंज स्थित अस्पताल में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ अमित जावेद ने बताया कि फहीमा को जब पता चला कि वह अग्नाश्य के कैंसर से पीड़ित हैं, उस समय वह साढ़े पांच महीने की गर्भवती थीं।
अस्पताल ने एक बयान में कहा कि उनके गर्भवती होने की वजह से ऑपरेशन करना चुनौतीपूर्ण था और उनकी कीमोथेरेपी भी नहीं की जा सकती थी। अस्पताल के प्रवक्ता के मुताबिक, इस हालत में ऑपरेशन करने से मां और बच्चे की जान को खतरा हो सकता था लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने तालमेल से काम किया और सर्जरी करके ट्यूमर निकाल दिया।
डॉ जावेद के मुताबिक, ऑपरेशन चार घंटे चला और ऑपरेशन के बाद की गई जांचों से पता चला है कि ट्यूमर पूरी तरह से निकाल दिया गया है और बच्चा भी स्वस्थ है। फहीमा सर्जरी से उबरी और उन्हें ऑपरेशन के सात दिन बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
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