फर्रुखाबाद, जेएनएन। Flood in UP बाढ़ ने कटरी क्षेत्र के गांवों के ग्रामीणों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। विवाह आदि आयोजनों तक की भी तस्वीर बदल गई है। बाढ़ के पानी से घिरे एक गांव से बरात की रवानगी हुई। इन हालात में दूल्हे के लिए न तो घोड़ी काम आती, न ही कार। ऐसे में नाव पर ही बरात निकली। खुद की इस नाव की पतवार दूल्हे के बड़े भाई ने संभाल रखी थी।

तहसील सदर क्षेत्र के गांव पंखियन की मढ़ैया निवासी जुबैर की बरात गुरुवार सुबह शमसाबाद के लिए रवाना हुई। उनका पूरा गांव इन दिनों बाढ़ के पानी से घिरा है। इस कारण जुबैर स्वजन के साथ कुछ दूर पैदल चले और पुलिया पर लगाई नाव पर सवार होकर नाले से होते हुए गांव बिलावलपुर की पुलिया पर आए। उनके साथ मां अलीमा बेगम, बहन नसीमा, खुशीमा, काजमा और बुआ राजबानो एवं कुछ रिश्तेदार थे। बड़े भाई गुलाम मोहम्मद ने पतवार संभाली। उन्होंने बरातियों को लाने के लिए दो चक्कर लगाए। अन्य नावें भी लगाई गई थीं। अलीमा बेगम ने बताया कि उनके पास दो नाव व एक स्टीमर हैं। पुत्र की शादी शमसाबाद निवासी अबरे हसन की पुत्री तरमीन से होनी है। नाव बिलावलपुर पुलिया पर छोड़कर वे लोग बस व अन्य वाहन से जा रहे हैं। शाम को इन्हीं नाव से घर वापस जाएंगे। उनके घर में भी पानी भरा है।

चढ़ावे की सुरक्षा को बहन ने थामी बंदूक: दूल्हा जुबैर के पिता मिद्दू खां के नाम बंदूक का लाइसेंस है। वह अन्य बरातियों को लाने के लिए घर में ही रुक गए थे। दूल्हे के साथ मां और बहन आई थीं। इस कारण चढ़ावे की गठरी भी उन्हीं के पास थी। सुरक्षा की दृष्टि से दूल्हे की विवाहित बहन नसीमा पिता की बंदूक लिए खड़ी रहीं।  साभार-दैनिक जागरण

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