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उत्तर प्रदेश ATS ने मंगलवार को गाजियाबाद से तीन इंटरनेशनल मानव तस्कर पकड़े हैं। इनमें एक बांग्लादेश और दो म्यांमार के रहने वाले हैं। दो रोहिंग्या लड़कियां भी पकड़ी गई हैं। तस्कर ब्रह्मपुत्र मेल से लड़कियों को दिल्ली ले जा रहे थे।
गाजियाबाद में ATS ने ट्रेन से उतारकर पकड़ा। बरामद दोनों लड़कियों और तीनों आरोपियों को लखनऊ लाया गया है। तस्कर रोहिंग्या लड़कियों और बच्चों को अवैध रुप से भारत लाकर NCR में बसाते थे। तस्कर महिलाओं और बच्चों की बिक्री के साथ उनका शोषण भी कर रहे थे। इन्हें पकड़ने के लिए ATS के 30 अधिकारियों की टीम ने लगातार 36 घंटे तक ऑपरेशन चलाया।
गिरोह का सरगना भी दबोचा गया
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि एक अंतर राष्ट्रीय गिरोह जो बच्चों और महिलाओं को म्यांमार और बांग्लादेश से भारत में अवैध तरीके से ला रहे हैं और बेचने का काम कर रहे हैं। जिसके तहत जांच के बाद मोहम्मद नूर मोहम्मद उर्फ नुरुल इस्लाम, रहमत उल्ला और शबीउर्रहमान को गिरफ्तार किया गया है। मोहम्मद नूर बांग्लादेश का रहने वाला है। जबकि रहमत और शबीउर्रहमान म्यांमार के रहने वाले हैं। इस गिरोह के और एक व्यक्ति की तलाश की जा रही है, जो इनका खास साथी है।
मानव तस्करी के इस गिरोह का सरगना गिरफ्तार मो नूर उर्फ नुरुल इस्लाम है, जो रोहिंग्या, बांग्लादेशी महिलाओं की शादी और पुरुषों व बच्चों को फैक्ट्रियों में काम दिलाने का झांसा देकर फर्जी दस्तावेज से भारत में लाकर बसा रहा है। महिलाओं को ये बेच दिया करते थे। आरोपियों के पास से कई अहम दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।
रिमांड पर लिए जाएंगे आरोपी
जानकारी मिली थी कि नूर कुछ रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिक के साथ ट्रेन से दिल्ली आ रहा है। जिसके बाद एटीएस ने गाजियाबाद में ट्रेन से 6 लोगों को उतारकर पूछताछ की। गिरफ्तार सरगना नूर से जानकारी मिली थी कि एक युवक दिल्ली रेलवे स्टेशन पर आ रहा है। उसे भी हिरासत में लेकर 5 लोगों को एटीएस मुख्यालय लाया गया है। इसमें 3 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। इनके पास से दो म्यांमार की नाबालिग लड़कियों को बरामद किया गया है। दोनों को लखनऊ में आशा ज्योति केंद्र भेजा गया है। गिरफ्तार तीनों आरोपियों को आज ही कोर्ट में पेशकर रिमांड पर लिया जाएगा।
त्रिपुरा के रास्ते हो रही मानव तस्करी
ATS की अबतक की पड़ताल में सामने आया है कि नुरुल इस्लाम त्रिपुरा के सेपहिजिला में रहता है। रहमतुल्लाह और शबीउर्रहमान जम्मू कश्मीर के नेरवाल स्थित रोहिंग्या कैंप में लंबे समय से रह रहे हैं। इस गिरोह के निशाने पर अलावा त्रिपुरा, मेघालय, असम, मणिपुर समेत उत्तर भारत के राज्यों की गरीब महिलाएं भी होती हैं। आरोपियों ने मानव तस्करी से कमाई गई रकम को कहां निवेश किया है? इसका पता ATS लगा रही है। ADG प्रशांत कुमार ने बताया कि खुली सीमाओं का फायदा उठाकर यह गिरोह आसानी से मानव तस्करी कर रहा था। गिरोह के तार कहां-कहां से जुड़े हैं इसका भी पता लगाया जा रहा है।
एक साल में 15 रोहिंग्या गिरफ्तार
दो मार्च को उन्नाव, नोएडा व अलीगढ़ से एक-एक रोहिंग्या पकड़े गए। इसी तरह 12 मार्च को सहारनपुर से दो, आठ जून को गाजियाबाद में दो, 17 जून को अलीगढ़ से चार और 18 जून को मेरठ-बुलंदशहर से चार-चार रोहिंग्या गिरफ्तार हुए।
साभार-दैनिक भास्कर।
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