गाजियाबाद: दम घोंट रही हवा, वायु गुणवत्ता चिंताजनक

साहिबाबाद:- गाजियाबाद की हवा फिर से खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है, जिससे जनपदवासियों की सांसें भारी हो रही हैं। बृहस्पतिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 386 के साथ गाजियाबाद “बेहद खराब” श्रेणी में दर्ज किया गया। यह लगातार दूसरा दिन है जब गाजियाबाद देश के सबसे प्रदूषित शहरों में तीसरे स्थान पर बना रहा।
हवा में घुलता जहर
तापमान में गिरावट के साथ हवा की सेहत बिगड़ती जा रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PCB) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले चार दिनों से गाजियाबाद देश के शीर्ष पांच प्रदूषित शहरों में शामिल रहा है। खासतौर पर इंदिरापुरम और लोनी का AQI गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। इंदिरापुरम का AQI बृहस्पतिवार को 425, लोनी का 421, वसुंधरा का 367 और संजयनगर का 329 दर्ज किया गया।
इंदिरापुरम की स्थिति चिंताजनक
इंदिरापुरम पिछले एक सप्ताह से प्रदूषण के गंभीर स्तर पर है। फेडरेशन ऑफ एओए के अध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि न तो गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) और न ही नगर निगम पानी का छिड़काव कर रहा है। कूड़े में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं, जिससे प्रदूषण और बढ़ रहा है।
सुबह-शाम की सैर से बचने की सलाह
गंभीर प्रदूषण को देखते हुए इंदिरापुरम की RWA (रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन) ने लोगों को सुबह-शाम की सैर से बचने की एडवाइजरी जारी की है।
साहिबाबाद सब्जी मंडी: कूड़े में आग से प्रदूषण
साहिबाबाद सब्जी मंडी में कूड़े में आग लगने की घटनाएं आम हो गई हैं। बृहस्पतिवार को भी कूड़े के ढेर में आग लगा दी गई। व्यापारियों ने शिकायत की, लेकिन मंडी समिति और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
प्रदूषण नियंत्रण की जरूरत
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी विकास मिश्रा ने कहा कि कूड़े में आग की जानकारी नहीं थी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही टीम भेजकर जांच कराई जाएगी।
प्रदूषित शहरों की स्थिति
शहर AQI
दिल्ली 451
रोहतक 404
गाजियाबाद 386
नोएडा 367
चर्खी दादरी 363
गाजियाबाद की बढ़ती प्रदूषण समस्या पर तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। प्रशासन को प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस उपाय करने चाहिए, जैसे कूड़ा जलाने पर सख्ती, पानी का छिड़काव और औद्योगिक प्रदूषण पर नियंत्रण। जनता को भी प्रदूषण कम करने में अपनी भूमिका निभानी होगी।
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