नोएडा । विशेष निवेश क्षेत्र के रूप में नोएडा प्राधिकरण ‘नया नोएडा’ बनाने जा रहा है। इसका नाम दादरी नोएडा गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (डीएनजीआइआर) तय है। यह शहर शिकागो इंडस्टि्रयल हब की तर्ज पर विकसित किया जाएगा, जिसमें निवेश को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक इकाइयों को बेस्ट कनेक्टिविटी देना है। इसमें सड़क, रेलवे, हवाई तीन माध्यम को चुना गया है। ये तीनों ही देश के ऐसे शहरों से सीधे जोड़े जाएंगे, जहां से कच्चे माल की उपलब्धता व तैयार उत्पाद डीलर की पहुंच में हो। इसी को प्राथमिकता दे स्कूल ऑफ प्ला¨नग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए), नई दिल्ली को मास्टर प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी प्राधिकरण ने सौंपी है। इसके लिए शुक्रवार को सेक्टर-6 स्थित कार्यालय पर अनुबंध साइन किया जा चुका है।

चीफ टाउन एंड कंट्री प्लानर मोहम्मद इंतियाक अहमद ने बताया कि शिकागो इंडस्ट्रियल हब मुख्यत: सड़क, रेलवे, हवाई मार्ग से जुड़ा है, जिससे यहां निवेशकों को निवेश के लिए बेहतर विकल्प मिलते हैं। किसी भी क्षेत्र को विकसित करने के लिए उसे जोन में बांटना बेहतर विकल्प होता है। स्कूल ऑफ प्ला¨नग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) भी इसी आधार पर काम करने जा रहा है, जिसमें शिकागो सहित अन्य यूरोपीय देश की तर्ज पर विभिन्न जोन जैसे साउथ जोन, ईस्ट जोन, वेस्ट जोन, नार्थ जोन में बांटकर विकसित करने का मास्टर प्लान तैयार करेगा।

अलग-अलग जोन में विकसित होगा इंडस्ट्रियल हब

डीएनजीआइआर कुल 210 वर्ग किमी (20 हजार हेक्टेयर) में फैला है, यहां भी प्रत्येक जोन में अलग-अलग इंडस्ट्रियल हब को विकसित किया जाएगा। यहां प्रस्तावित सड़क, रेलवे लाइन सीधे डीएनजीआइआर को देश की आर्थिक राजधानी मुबंई से जोड़ेंगे। साथ ही कच्चा माल व मशीनरी के लिए कोलकाता व लुधियाना से शहर जुड़ जाएगा, जिससे निवेश के मार्ग बढ़ेंगे। बेहतर कनेक्टिविटी के साथ यहां किस तरह की इंडस्ट्री को ज्यादा प्रोत्साहित किया जा सकता है। तीन अर्ली वार्ड प्रोजेक्ट को शहर के साथ कैसे जोड़ा जाएगा, जिससे निवेशकों को डीएनजीआइआर की ओर से आकर्षित किया जा सके, इस दिशा में काम किया जाएगा।

नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा निवेश को देगा बल

डीएनजीआइआर बुलंदशहर की ओर जाने वाले जीटी रोड व हावड़ा की ओर जाने वाली रेलवे लाइन के मध्य स्थित है। यहीं पर वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर दादरी से मुंबई तक का निर्माण चल रहा है, जबकि ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर लुधियाना से कोलकाता तक वाया खुर्जा प्रस्तावित है। खुर्जा से एक एसपीयूआर दादरी तक निर्मित होनी है, जो ईस्टर्न व वेस्टर्न कारीडोर का कामन प्वाइंट होगा। यहीं नहीं हवाई सेवा के लिए जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा निर्मित हो रहा है। इससे निवेशकों के लिए भविष्य में बेहतर कार्गो सेवा भी उपलब्ध होगी।

अतिक्रमण व अवैध कब्जे की नहीं होगा संभावना

मौजूदा समय में औद्योगिक नगरी नोएडा की सबसे बड़ी समस्या औद्योगिक सेक्टरों में अवैध झुग्गी झोपड़ी की बसावट है। इससे सुरक्षा, लाइन लास, जमीन की हानि की समस्या झेलनी पड़ रही है। कच्चे माल की उपलब्धता के लिए औद्योगिक इकाइयों के सामने भी बड़ी चुनौती है। इसलिए डीएनजीआइआर का मास्टर प्लान इस प्रकार से तैयार हो रहा है कि यहां झुग्गी झोपड़ी, अतिक्रमण जैसी कोई भी संभावना न हो।

एनसीआर के अन्य शहर बेहतर होंगी सुविधा

औद्योगिक इकाइयों के साथ-साथ उद्यमियों और कामगारों के लिए बेहतर आवासीय, शिक्षा, स्वास्थ्य, ट्रांसपोटेशन व मूलभूत सुविधाओं को शामिल किया जा सके। हरियाणा के मानेसर, कोंडली, राई, बावल, धारुहेड़ा, राजस्थान के भिवाड़ी से बेहतर सुविधा मिलेगी। इसके लिए नोएडा प्राधिकरण, किसान और इनवेस्टर को एक साथ मिलाकर कार्य किया जा रहा है, जिसमें सीआइआइ, फिक्की, एसोचैम, चैंबर ऑफ कामर्स के प्रतिनिधियों का सहयोग शामिल रहेगा। साभार-दैनिक जागरण

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